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फार्म स्टे योजना: पर्यटन और कृषि के संगम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा

लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने फार्म स्टे योजना के तहत पहली बार निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, जिसे कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा:

फार्म स्टे योजना से पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, खेती-बाड़ी, और आतिथ्य सत्कार का अनूठा अनुभव मिलेगा। यह न केवल पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।”

फार्म स्टे योजना: ग्रामीण पर्यटन का नया आयाम

जयवीर सिंह ने बताया कि फार्म स्टे एक ऐसा पर्यटक आवास है, जो खेत या उसके आसपास निर्मित होगा। इसकी विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • आवास सुविधा: मालिक के घर से अलग, कम से कम दो किराए के कमरे और एक रिसेप्शन क्षेत्र

  • ग्रामीण अनुभव: कृषि कार्य, बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग, पशुपालन, फार्म टूर, और अन्य ग्रामीण गतिविधियां अनिवार्य।

  • लक्ष्य: पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना, जिससे पूरा गांव आकर्षण का केंद्र बने।

प्रोत्साहन पैकेज: निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं

फार्म स्टे योजना के तहत निवेशकों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • पूंजी निवेश पर सब्सिडी:

    • 10 लाख से 10 करोड़ रुपये: 25% (अधिकतम 2 करोड़ रुपये)।

    • 50 करोड़ तक: 20% (अधिकतम 7.5 करोड़ रुपये)।

    • 200 करोड़ तक: 15% (अधिकतम 20 करोड़ रुपये)।

    • 500 करोड़ तक: 10% (अधिकतम 25 करोड़ रुपये)।

    • 500 करोड़ से अधिक: 10% (अधिकतम 40 करोड़ रुपये)।

  • अतिरिक्त सब्सिडी:

    • महिला उद्यमी, अनुसूचित जाति/जनजाति, और पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को विशेष रियायतें।

    • फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन में प्रोजेक्ट्स के लिए 5% अतिरिक्त सब्सिडी (कुल अधिकतम 30%)।

  • ब्याज सब्सिडी:

    • 5 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी

    • प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपये तक, 5 वर्षों तक।

  • छूट:

    • स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क, और विकास शुल्क पर 100% छूट

रोजगार सृजन और सामाजिक समावेश

योजना के तहत रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:

  • ईपीएफ प्रतिपूर्ति:

    • 50 या अधिक स्थानीय कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली इकाइयों को ईपीएफ योगदान की प्रतिपूर्ति, 5 वर्षों तक।

  • दिव्यांग कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन:

    • दिव्यांग कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली इकाइयों को प्रति कर्मचारी 1,500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, अधिकतम 5 कर्मचारियों तक।

ग्रामीण पर्यटन: गांवों को नया जीवन

जयवीर सिंह ने जोर देकर कहा:

“यह सिर्फ फार्म स्टे बनाने की योजना नहीं, बल्कि गांवों को संस्कृति, आजीविका, और सीखने के जीवंत केंद्र बनाने का अभियान है।”

  • पर्यटकों की मांग: शहरों की भीड़-भाड़ से दूर ग्रामीण जीवन का अनुभव।

  • लाभ:

    • स्थानीय रोजगार सृजन।

    • हस्तशिल्प और खाद्य उत्पादों को बढ़ावा।

    • ग्रामीण संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली का संरक्षण।

  • पहचान किए गए गांव: सरकार ने पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले गांवों की पहचान की है।

प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा:

फार्म स्टे पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाना है। यह योजना पारदर्शी प्रक्रियाओं और प्रोत्साहनों के साथ जमीनी स्तर पर सफलता की गारंटी देगी।”

आवेदन और संपर्क

  • निवेश प्रस्ताव: निवेशक उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रस्ताव जमा कर सकते हैं।

  • संपर्क: अधिक जानकारी के लिए पर्यटन निदेशालय या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

निष्कर्ष

फार्म स्टे योजना पर्यटन और कृषि के संगम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। जयवीर सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कृषि-पर्यटन का अग्रणी केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह योजना रोजगार सृजन, जल संरक्षण, और ग्रामीण सशक्तिकरण के साथ-साथ विकसित उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

साभार: उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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