Monday, October 20, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

समाजवादी पार्टी विधायकों का विधानसभा परिसर में प्रदर्शन, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने से पहले ही सियासी गर्मी तेज हो गई। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने रविवार को विधानसभा परिसर में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास एकत्र हुए सपा नेताओं ने सरकार की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाए और “आप चलाइए मधुशाला, हम चलायेंगे पीडीए पाठशाला” जैसे तीखे नारे लगाए।

📌 सरकार की नीतियों पर निशाना

सपा विधायक संग्राम यादव, आरके वर्मा, फहीम, जय प्रकाश अंचल, नफीस अहमद समेत कई अन्य विधायक और विधान परिषद सदस्य इस विरोध में शामिल रहे। सभी नेताओं के हाथों में बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड थे जिन पर सरकार विरोधी संदेश लिखे थे।

सपा ने ऐलान किया है कि वह मानसून सत्र में तीन प्रमुख मुद्दों—सरकारी स्कूलों के विलय, बाढ़ की समस्या, और बिजली विभाग के निजीकरण—को जोर-शोर से उठाएगी। पार्टी का आरोप है कि सरकार शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं को निजी हाथों में सौंपकर जनता के हितों को नुकसान पहुँचा रही है।

🏛️ विधानसभा में सत्ता पक्ष की तैयारी

इसी दौरान सत्ता पक्ष भी मानसून सत्र में अपना एजेंडा लेकर तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सत्ता पक्ष इस सत्र में ‘विजन डॉक्यूमेंट-2047’ का मसौदा पेश करेगा।

रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा—

“सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा होनी चाहिए क्योंकि जनता की भावनाओं को जनप्रतिनिधि ही सबसे अच्छे तरीके से रख सकते हैं। उत्तर प्रदेश को देश का नेतृत्व करना है और 2047 के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य में योगदान देना है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विजन डॉक्यूमेंट किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य का साझा खाका होगा। इसमें सभी दलों के सुझाव शामिल किए जाएंगे ताकि समग्र विकास का रोडमैप तैयार हो सके।

📚 स्कूलों के विलय और शिक्षा पर बहस की तैयारी

सपा ने शिक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरने का मन बनाया है। पार्टी का आरोप है कि सरकारी स्कूलों के विलय से गरीब और ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। शिक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि स्कूल विलय नीति से छात्रों को लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी और ड्रॉपआउट रेट बढ़ सकता है।

🌊 बाढ़ और बिजली के निजीकरण पर टकराव

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की समस्या हर साल गंभीर रूप लेती है। सपा का कहना है कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में असफल रही है। वहीं बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर भी विपक्ष हमलावर है, उनका दावा है कि इससे बिजली दरें बढ़ेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति और अधिक प्रभावित होगी।

🔍 सत्र में तीखी बहस के आसार

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मानसून सत्र बेहद गर्म रहेगा। विपक्ष जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा, जबकि सरकार अपने विकास एजेंडा और दीर्घकालिक योजनाओं को जनता के सामने रखने की कोशिश करेगी।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles