कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। नगर पालिका परिषद पडरौना के अध्यक्ष विनय जायसवाल ने छठ घाट पर 31,000 दीपों से प्रज्ज्वलित दीपोत्सव का आयोजन किया, जो अब छठा वर्ष है। यह आयोजन अयोध्या के ऐतिहासिक दीपोत्सव से प्रेरित है और पडरौना को आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित करने का संकल्प दर्शाता है। श्री बुढ़िया माता मंदिर परिसर में नवनिर्मित छठ घाट पर हुए इस भव्य समारोह में हजारों नागरिकों ने हिस्सा लिया, जो एकता, आस्था और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बन गया।
अयोध्या से प्रेरणा: छठ घाट पर दीपोत्सव की शुरुआत
छह वर्ष पूर्व विनय जायसवाल ने अयोध्या दीपोत्सव से प्रेरित होकर पडरौना में यह परंपरा शुरू की। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि पडरौना भी अयोध्या की तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित हो और हमारी परंपराएं आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहें।” 31,000 दीपों की झलक ने शहरवासियों को लुभा लिया। स्थानीय नागरिकों ने इसे नगर की सांस्कृतिक पहचान बताया।
परंपरावादी आयोजन ने धार्मिक चेतना का संचार किया। जायसवाल ने कहा, “दीपोत्सव केवल दीये जलाना नहीं, भीतर के अंधकार को मिटाकर सकारात्मकता का संचार करने का संदेश है।”
श्री बुढ़िया माता मंदिर: आस्था का केंद्र
मंदिर के प्रधान पुजारी श्री वीरेंद्र जी महाराज ने बताया, “पुरातन काल में यहां बंजारों ने वनदेवी की पिंडियां स्थापित की थीं। मंदिर निर्माण तत्कालीन नपाध्यक्ष विनय जायसवाल ने करवाया। यहां साक्षात देवी का निवास है, जो भक्तों की मन्नतें पूरी करती हैं।” मंदिर में माता की शक्तियों का चमत्कार महसूस करने दूर-दूर से लोग आते हैं।
आयोजन की तैयारी: सफाई, सजावट और सुरक्षा
जायसवाल ने बताया, “नगर पालिका की टीम और स्वयंसेवकों ने सफाई, सजावट, सुरक्षा और पार्किंग पर विशेष ध्यान दिया। श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसका ख्याल रखा गया।” यह प्रयास आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रहा।
प्रमुख लोगों की उपस्थिति: सामाजिक सद्भाव का संदेश
कार्यक्रम में मंदिर के महंत वीरेंद्र, अध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष जायसवाल, ईओ संतराम सरोज, प्रियंका देवी, शकुंतला देवी, सरिता गुप्ता, रचना देवी, आभा देवी, सुशीला देवी, निक्की शर्मा, गुलाबी देवी, शालिनी देवी, सुदर्शन पाल, चंद्रप्रकाश दुबे, दीपक दुबे, अवधेश तिवारी, पारस मणि, सुभाष सिंह, राजेश सैनी, सुरेश चौरसिया, गौरव चौबे, लक्ष्मीकांत मिश्रा, ब्रजेश शर्मा, नीरज मिश्रा, भरत चौधरी, राजेश जायसवाल, अनूप गौड़, आयुष जायसवाल, प्रांजल शर्मा, सर्वेश उपाध्याय, श्याम जायसवाल, सतेंदर यादव, विनायक शर्मा, विनोद गुप्ता, सन्नी मिश्रा, मंथन सिंह, सिद्धार्थ, विनय मद्धेशिया, अरुण सिंह, चंचल चौबे जायसवाल, रामदरश शुक्ला, चंचल चौबे, अमित तिवारी, काशी राजभर, प्रमोद मद्धेशिया सहित तमाम शहरवासियों ने भाग लिया।
दीपोत्सव का संदेश: आने वाली पीढ़ियों के लिए परंपरा
जायसवाल ने कहा, “यह आयोजन अब धार्मिक से अधिक सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। हर आयु वर्ग के लोग इसमें भाग लेते हैं।” यह प्रयास पडरौना को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने में योगदान दे रहा है।