लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10,28,205 छात्र-छात्राओं के खातों में 297.95 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, “बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने सिखाया कि शिक्षा स्वावलंबन और समाज सेवा का आधार है। संसाधनों की कमी नहीं, विद्यार्थियों को परिश्रम करना होगा। नियमित अध्ययन, संस्थानों में उपस्थिति, और पुस्तकालय की आदत डालें।”
छात्रवृत्ति का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है ताकि वे अपनी ऊर्जा से समाज और राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दे सकें।
आज लखनऊ में दशमोत्तर एवं पूर्वदशम के 10,28,205 छात्र-छात्राओं को ₹297.95 करोड़ की छात्रवृत्ति का अंतरण किया।
हमारा संकल्प है कि किसी भी युवा,… pic.twitter.com/j6xHvufedC
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 17, 2025
डीबीटी से पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए डीबीटी प्रणाली लागू की गई। अब छात्रवृत्ति अक्टूबर और जनवरी में दो बार दी जाएगी। 2016-17 में 46 लाख विद्यार्थी लाभान्वित थे, अब यह संख्या 62 लाख से अधिक हो गई है।
छात्रवृत्ति का विवरण
अनुसूचित जाति/जनजाति: 3.56 लाख छात्रों को 114.92 करोड़ रुपये
सामान्य वर्ग: 97,000 छात्रों को 29.18 करोड़ रुपये
अन्य पिछड़ा वर्ग: 4.83 लाख छात्रों को 126.69 करोड़ रुपये
अल्पसंख्यक वर्ग: 90,758 छात्रों को 27.16 करोड़ रुपये
सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा, “कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। सरकार सभी वर्गों के कल्याण और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।” समारोह में छात्रवृत्ति वितरण पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई।
कार्यक्रम में उपस्थिति
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड, और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने भी संबोधित किया। अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण सुभाष चंद शर्मा, प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण संयुक्ता समद्दार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
सामाजिक महत्व
यह पहल शिक्षा के माध्यम से सामाजिक समावेशन और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। डीबीटी से पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।
निष्कर्ष
CM योगी का यह कदम UP में शिक्षा को प्रोत्साहन देगा, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा।