लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और कल्याण से जुड़ी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। एसोसिएशन ने ग्रामीण पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए शासन से उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने और सकारात्मक कदम उठाने की अपील की। यह कार्यक्रम 16 सितंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित हुआ, जिसमें दर्जनों पत्रकार और पदाधिकारी शामिल रहे।
ग्रामीण पत्रकारों की भूमिका और मांगें
ग्रामीण पत्रकार सुदूर अंचलों में जनता की समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने और सरकार की विकास योजनाओं को जन-जन तक ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी ये पत्रकार लोकतंत्र को सशक्त बनाने में भूमिका निभाते हैं। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष आर.एल. पाण्डेय ने बताया कि ज्ञापन में सात प्रमुख मांगें शामिल हैं, जो ग्रामीण पत्रकारों के कल्याण और सुरक्षा से जुड़ी हैं।
सात सूत्रीय मांगें
लखनऊ में कार्यालय भवन आवंटन: दारुलशफा या ओसीआर में एसोसिएशन के लिए कार्यालय भवन आवंटित किया जाए, ताकि सुदूर जनपदों से आने वाले पत्रकारों को ठहरने और प्रदेश स्तरीय बैठकों की सुविधा मिल सके।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ: ग्रामीण पत्रकारों और उनके परिवारों को मुफ्त कैशलेस इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाए। यह लाभ केवल जिला सूचना कार्यालय की सूची में शामिल अखबारों के संवाददाताओं को मिले।
बीमा और पेंशन योजना: ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर पर बीमा योजना से जोड़ा जाए और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
प्राथमिकी से पहले जांच अनिवार्य: पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले जिला पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा जांच अनिवार्य की जाए, ताकि उनका अनावश्यक उत्पीड़न रोका जा सके।
तहसील स्तर पर नियमित बैठकें: प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तहसील स्तर पर ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें आयोजित हों, जिनमें तहसील अध्यक्षों को शामिल किया जाए।
आर्थिक सहायता: प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को किसान बीमा योजना की तर्ज पर तत्काल 5 लाख रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई: ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की पहचान के लिए जिला स्तर पर स्थायी समिति की बैठक बुलाई जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
पत्रकारों की अपील: सम्मान और सुरक्षा
एसोसिएशन ने शासन से मांग की कि पत्रकारों की समस्याओं पर सकारात्मक निर्णय लिए जाएं, ताकि वे निर्भीक होकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। ग्रामीण पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान, और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
कार्यक्रम में उपस्थिति
इस अवसर पर एसोसिएशन के संरक्षक अभिषेक श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष आर.एल. पाण्डेय, उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत मिश्रा, महामंत्री फुरकान राईन, तहसील अध्यक्ष दिलीप रावत, तहसील उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सहित दर्जनों पदाधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष: ग्रामीण पत्रकारों की आवाज
यह ज्ञापन ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं को उजागर करने और उनके कल्याण के लिए शासन का ध्यान आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ग्रामीण पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, और उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई से पत्रकारिता को और मजबूती मिलेगी।