लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विकास प्राधिकरण (LDA) में भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्रियों का एक पुराना घोटाला सामने आया है। अधिकारियों ने दलालों और प्रॉपर्टी डीलरों की मिलीभगत से सात भूखंडों की रजिस्ट्रियां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बदल दीं। वास्तविक मालिकों के नाम हटाकर दूसरे लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए। गोमतीनगर पुलिस को इस फर्जीवाड़े का पता तब चला जब एक मामले में रजिस्ट्री सत्यापन के लिए सब रजिस्ट्रार द्वितीय कार्यालय भेजी गई। 2001 के इस घोटाले की शिकायत पर सब रजिस्ट्रार द्वितीय की जांच के बाद वजीरगंज पुलिस ने LDA के सात अधिकारियों समेत 23 लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है।
यह मामला LDA में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जहां करोड़ों के भूखंडों की रजिस्ट्रियां फर्जी तरीके से बदली जाती रहीं। पहले भी LDA अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन नए खुलासे से जांच तेज हो गई है।
घोटाले का पूरा विवरण: सात भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्रियां
वजीरगंज पुलिस के अनुसार, 2001 में LDA के तत्कालीन संपत्ति अधिकारी और अनुभाग अधिकारी ने दलालों के साथ मिलकर सात भूखंडों की रजिस्ट्रियां फर्जी दस्तावेजों से बदल दीं। वास्तविक मालिकों के नाम हटाकर अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए। यह फर्जीवाड़ा LDA के रिकॉर्ड में हेरफेर से हुआ, जहां अधिकारियों ने स्टाम्प ड्यूटी और अन्य फीस की वसूली भी फर्जी तरीके से दिखाई।
घटना तब सामने आई जब एक प्रॉपर्टी विवाद में रजिस्ट्री सत्यापन के लिए दस्तावेज सब रजिस्ट्रार द्वितीय को भेजे गए। जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, जिसके बाद शिकायत दर्ज हुई। मुकदमा IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा जालसाजी), 468 (जालसाजी का इरादा), 471 (जालसाजी दस्तावेज का उपयोग) और अन्य धाराओं में दर्ज किया गया।
आरोपी अधिकारियों और दलालों की सूची
आरोपी का पद/नाम | भूमिका/विवरण |
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तत्कालीन संपत्ति अधिकारी | रजिस्ट्रियां फर्जी बनाने में मुख्य भूमिका |
अनुभाग अधिकारी (3) | दस्तावेजों में हेरफेर और फर्जी एंट्री |
दलाल (10) | फर्जी दस्तावेज तैयार और रजिस्ट्री कराना |
प्रॉपर्टी डीलर (5) | भूखंडों की खरीद-बिक्री में मिलीभगत |
अन्य (5) | सहयोगी, फर्जी नामों पर रजिस्ट्रियां |
कुल 23 आरोपी, जिनमें LDA के 7 अधिकारी प्रमुख हैं। पहले भी LDA अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन यह घोटाला 2001 का है, जो अब जाकर खुलासा हुआ।
जांच का खुलासा: सब रजिस्ट्रार द्वितीय की रिपोर्ट पर FIR
गोमतीनगर पुलिस ने एक प्रॉपर्टी विवाद में रजिस्ट्री सत्यापन के लिए दस्तावेज सब रजिस्ट्रार द्वितीय को भेजे। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया, जहां LDA के रिकॉर्ड में नाम बदल दिए गए थे। सब रजिस्ट्रार ने विस्तृत रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर वजीरगंज पुलिस ने FIR दर्ज की।
SO वजीरगंज ने कहा, “फर्जी रजिस्ट्रियां करोड़ों के घोटाले का हिस्सा लगती हैं। जांच में सभी आरोपी चिह्नित हो चुके हैं।” पुलिस ने LDA के पुराने रिकॉर्ड्स जब्त कर लिए हैं।
LDA में भ्रष्टाचार का इतिहास: पुराने मामले
LDA में भूखंड फर्जीवाड़े कोई नई बात नहीं। 2023 में एक मामले में 5 अधिकारियों पर ₹100 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ था। 2024 में गोमतीनगर एक्सटेंशन में 10 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्रियां पकड़ी गईं। CAG रिपोर्ट 2022 में LDA के 20% भूखंडों में अनियमितताएं बताई गईं। यह मामला 2001 का है, जो अब जाकर सामने आया, जो रिकॉर्ड रखरखाव की कमी दर्शाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम से फर्जीवाड़ा रोका जा सकता है। LDA ने कहा कि जांच में सहयोग करेंगे।