Saturday, October 4, 2025
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लखनऊ: चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ, CM योगी आदित्यनाथ ने की शुरुआत, साहित्य और संस्कृति का महाकुंभ

लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT), भारत (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस साहित्यिक उत्सव का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने किया। यह महोत्सव भारत के सबसे बड़े साहित्यिक समारोहों में से एक है, जो पुस्तक प्रेमियों, लेखकों और संस्कृति प्रेमियों के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।

उद्घाटन समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अवनीश के. अवस्थी, पद्मश्री पुरस्कार विजेता अभिनेता-निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, NBT अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना और NBT निदेशक श्री युवराज मलिक उपस्थित रहे। यह आयोजन 28 सितंबर तक चलेगा, जिसमें साहित्यिक चर्चाएं, कार्यशालाएं, बच्चों की गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे।

उद्घाटन: CM योगी ने बच्चों को दी किताबें, पढ़ने पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह में स्कूली बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उन्हें पुस्तकें वितरित कीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “पढ़ना और आगे बढ़ना भारत की परंपरा रही है। PM मोदी का विचार ‘जब नागरिक पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है’ इसे दर्शाता है। मैं छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य किताबें पढ़ने की आदत डालें। एक अच्छी किताब जीवन का मार्गदर्शन करती है।”

CM ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश सरकार और NBT के सहयोग से नवंबर के पहले सप्ताह में गोरखपुर पुस्तक महोत्सव आयोजित होगा। उन्होंने छात्रों से स्मार्टफोन के बजाय किताबों से जुड़ने और प्रत्येक बच्चे को महोत्सव से कम से कम एक किताब खरीदने की अपील की।

साहित्यिक और सांस्कृतिक चर्चाएं: वैदिक साहित्य से लेकर आधुनिक कहानियां

महोत्सव के पहले दिन कई साहित्यिक सत्र आयोजित हुए:

  • स्त्री: देह से आगे (गुलाब कोठारी): लेखिका ने योगिता यादव के साथ वैदिक साहित्य और लैंगिक भूमिकाओं पर चर्चा की।
  • किम एंड कृष्णा (नीरज वशिष्ठ): लेखक ने शोभा कपूर के साथ भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया की सांस्कृतिक समानताओं पर बात की।
  • हिंदी भाषा पर चर्चा (प्रो. प्रज्ञा): दिल्ली की कथाकार-आलोचक ने डॉ. ललित किशोर मंडोरा के साथ हिंदी की चुनौतियों और मिलेनियल्स-जेन Z के संवाद पर विचार साझा किए।

दिन का समापन भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के शास्त्रीय वाद्य संगीत प्रदर्शन से हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गोमती पुस्तक महोत्सव: प्रमुख विशेषताएं

  • 200+ बुक स्टॉल, 225+ प्रकाशक: हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकें।
  • राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय (REP): 3,000+ मुफ्त ई-बुक्स, REP ऐप पर 10% छूट।
  • कार्यक्रम: लेखक संवाद, कार्यशालाएं, बच्चों की गतिविधियां, सांस्कृतिक प्रदर्शन।
  • समय: 21-28 सितंबर, सुबह 11:00 बजे से रात 8:00 बजे (निःशुल्क प्रवेश)।

NBT अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे ने साप्ताहिक समूह पढ़ने के सत्रों की सलाह दी। डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने नालंदा का उदाहरण देते हुए कहा, “ज्ञान को आग की लपटें नष्ट नहीं कर सकतीं।” उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने NEP 2020 और मुद्रित पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया। NBT निदेशक युवराज मलिक ने कहा, “उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अधिक पुस्तकें वितरित की हैं। हर गांव में पुस्तकालय हमारा लक्ष्य है।”

प्रभाव: साहित्य और संस्कृति का उत्सव

पहले दिन हजारों लोग महोत्सव में शामिल हुए। 2024 NBT डेटा के अनुसार, गोमती पुस्तक महोत्सव ने पिछले वर्ष 2 लाख+ आगंतुकों को आकर्षित किया था। इस बार 20,000+ लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी अपेक्षित है। यह आयोजन साहित्य, संस्कृति और रचनात्मकता को बढ़ावा देगा।

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