कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। लंबे समय से अटकी छितौनी–तमकुही रेल परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। करीब 67 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन न सिर्फ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा। परियोजना के पूरा होने के बाद यूपी-बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के लगभग दो लाख लोग मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
स्टेशन और जंक्शन की जानकारी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण स्टेशन और एक प्रमुख जंक्शन विकसित किया जाएगा। इससे आसपास के 200 से अधिक गाँवों को रेल सेवा से जोड़ा जाएगा। यात्रियों को गोरखपुर या कप्तानगंज जैसे दूरस्थ स्टेशनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे उनकी यात्रा समय और खर्च दोनों में कमी आएगी।
18 साल से अटकी परियोजना को नया जीवन
करीब 18 वर्षों से ठप पड़ी यह परियोजना अब बजट स्वीकृति मिलने के बाद एक बार फिर शुरू होगी। क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। परियोजना के पूरा होने से न केवल परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। व्यापारियों, किसानों, छात्रों और अन्य नागरिकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
कुशीनगर क्षेत्र बौद्ध पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। नई रेल लाइन से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यात्रा सरल होगी। इसके साथ ही व्यापारिक गतिविधियाँ भी गति पकड़ेंगी। किसानों को अपने उत्पाद बड़े बाज़ार तक पहुँचाने में सुविधा होगी और युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
ग्रामीणों में खुशी की लहर
यूपी-बिहार की सीमा से लगे लगभग 200 गांवों के लोगों के लिए यह परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है। अब उन्हें बड़े शहरों तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी। निकटतम स्टेशन से रेल सेवा मिलने पर यात्रा आसान होगी और क्षेत्र का समग्र विकास संभव होगा। स्थानीय लोगों ने इसे क्षेत्रीय प्रगति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।