देवरिया, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के देवरिया में रविवार को आयोजित “विकसित देवरिया लोकसभा के लिए संकल्पित अमृत प्रयास” कार्यशाला में केंद्र सरकार के राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने कहा कि देश और प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकारें पूरी तरह कृतसंकल्पित हैं और इसे अमृत प्रयास के तहत किया जा रहा है।
अमृत प्रयास के सात संकल्पों से किसानों की आय में होगा इज़ाफा
जनपद देवरिया के जिला पंचायत सभागार में देवरिया के लोकप्रिय सांसद श्री शशांक मणि जी द्वारा आयोजित “अमृत प्रयास का प्रथम संकल्प” कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। pic.twitter.com/6nNoj6dIm6
— Kamlesh Paswan (@kamleshpassi67) August 24, 2025
पासवान ने बताया कि अमृत प्रयास के तहत किसानों की दशा सुधारने के लिए सात बड़े संकल्प लिए गए हैं। इनमें पहला संकल्प कैश क्रॉप और एग्रो प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी है, अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि ये संकल्प न केवल किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेंगे, बल्कि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव भी लाएंगे। पासवान ने अपील की कि इन योजनाओं को साकार करने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
कैश क्रॉप और एग्रो प्रोसेसिंग पर जोर
कार्यशाला में मौजूद भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कैश क्रॉप की खेती करके किसान अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं, और एग्रो प्रोसेसिंग से फसलों को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलकर और भी ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की अनेक योजनाएं किसानों के लिए नई दिशा और अवसर लेकर आई हैं।
कृषि: भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़
सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि देवरिया लोकसभा के विकास में कृषि और किसानों की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि के लिए कृषि का योगदान अनिवार्य है।
उन्होंने कहा:
“किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कृषि सिर्फ खाद्य आपूर्ति का साधन नहीं है, बल्कि यह देश की आधी से अधिक आबादी की आजीविका का मुख्य स्रोत है।”
त्रिपाठी ने आगे बताया कि प्रोसेस्ड फसलों को बाज़ार में अधिक मूल्य मिलता है, जिससे किसानों की आय बढ़ती है। कटाई के बाद की गतिविधियों से फसल का नुकसान कम होता है, और प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से नए रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं।
अमृत प्रयास जैसी पहलें किसानों को न सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर कर रही हैं, बल्कि भारत को एक कृषि महाशक्ति बनाने के सपने को भी साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सरकार की योजनाओं, तकनीकी सहयोग और एग्रो प्रोसेसिंग उद्योगों के विकास से आने वाले समय में किसानों की आय दोगुनी होने की उम्मीद है।