हरदोई, लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर समाधान अभियान और इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में हरदोई जिले में POCSO जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “चुप्पी तोड़: हल्ला बोल” परियोजना के अंतर्गत हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा देने वाले POCSO अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences Act) की जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना और समुदाय को संवेदनशील बनाना था।
गोष्ठी में आशा कार्यकर्ताओं की विशेष भागीदारी रही, जिन्हें जमीनी स्तर पर संदेश फैलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। संस्थापक सौम्या द्विवेदी ने कहा, “जागरूकता ही सुरक्षित समाज की पहली सीढ़ी है।”
गोष्ठी का उद्देश्य: बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा पर जागरूकता
“चुप्पी तोड़: हल्ला बोल” परियोजना बाल यौन शोषण रोकने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए चलाई जा रही है। गोष्ठी का संचालन समाधान अभियान की संस्थापक सौम्या द्विवेदी ने किया। उन्होंने कहा:
“बच्चों की सुरक्षा समाज की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। POCSO अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी प्रत्येक नागरिक तक पहुंचनी आवश्यक है।”
कार्यक्रम में POCSO अधिनियम के तहत पीड़ितों को मिलने वाले कानूनी अधिकार, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और त्वरित न्याय की व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर शिकायत से बच्चों को न्याय मिलना आसान हो जाता है।
प्रमुख विषय
विषय | जागरूकता बिंदु |
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POCSO अधिनियम | यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा |
कानूनी अधिकार | पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय |
शिकायत प्रक्रिया | रिपोर्टिंग और सहायता केंद्र |
समुदाय भूमिका | आशा कार्यकर्ताओं का गांव स्तर पर योगदान |
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका: जमीनी स्तर पर संदेश फैलाने का माध्यम
गोष्ठी में आशा कार्यकर्ताओं की विशेष भागीदारी रही। आयोजकों ने कहा कि आशा कार्यकर्ता समुदाय से सीधे जुड़ी होती हैं, इसलिए उनके माध्यम से संदेश घर-घर पहुंच सकता है। आशा कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे अपने क्षेत्रों में बच्चों और अभिभावकों को POCSO कानून की जानकारी देंगी।
वरिष्ठ अधिकारी और समाजसेवियों ने कहा, “बच्चों को यौन हिंसा से बचाने के लिए कानून के साथ समाज का सहयोग जरूरी है।”
आशा कार्यकर्ताओं का संकल्प
“हम गांवों में जागरूकता कैंप लगाएंगे। कोई बच्चा शोषण का शिकार न हो।” — आशा कार्यकर्ता प्रतिनिधि
बाल मित्र केंद्र का योगदान: सामुदायिक जागरूकता पर जोर
बाल मित्र केंद्र समन्वयक सूरज शुक्ला और प्रियांशु अवस्थी ने सामुदायिक जागरूकता की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा, “समय पर शिकायत दर्ज करने और कानूनी प्रावधानों का उपयोग से बच्चों को न्याय मिलता है।”
NCRB 2024 के अनुसार, UP में POCSO मामलों में 20% वृद्धि हुई है, लेकिन जागरूकता से रोकथाम संभव है। समाधान अभियान के प्रयासों से हजारों बच्चों को लाभ पहुंचा है।
कार्यक्रम का समापन: सामूहिक जिम्मेदारी का संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने विभागों, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय प्रशासन से समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा, “शांति दिवस का महत्व तभी है जब समाज बच्चों के प्रति संवेदनशील बने।”
“चुप्पी तोड़: हल्ला बोल” परियोजना ने अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस को सामाजिक जागरूकता का मंच बना दिया। यह बच्चों की सुरक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी बनाने का प्रयास है।
जनता से अपील: बच्चों की सुरक्षा में सहयोग करें
यदि आपके क्षेत्र में कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो बाल मित्र केंद्र या POCSO हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें। अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें।