Sunday, October 5, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

हरदोई: मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना की गहरी बोरिंग धंसी, किसानों के सपनों पर लापरवाही का वार

हरदोई, लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। हरदोई के कछौना ब्लॉक के पूरबखेड़ा गांव में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत तीन माह पहले कराई गई गहरी बोरिंग मंगलवार दोपहर कमरे सहित धंस गई। खराब गुणवत्ता और विभागीय अनदेखी के कारण यह हादसा हुआ, जिसने किसानों की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। सौभाग्यवश, कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन किसानों का कर्ज लेकर बनवाया गया निवेश बर्बाद हो गया। ठेकेदार ने नई बोरिंग कराने का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीणों ने समयबद्ध कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

हादसे का विवरण: बोरिंग और कमरा धंसा

पूरबखेड़ा गांव में योजना के तहत कराई गई गहरी बोरिंग शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद बालू और गिट्टी भर जाने से ठप हो गई थी। किसान रामशंकर ने ठेकेदार और लघु सिंचाई विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार दोपहर बारिश के दौरान बोरिंग के पास बना कमरा अचानक भरभराकर धंस गया। कमरे में लगा बिजली बोर्ड और अन्य सामान गहरे गड्ढे में समा गया।

हादसे के समय किसान राम सहाय, अनंत, सोनू, रामकुमार, मेवालाल, और करुणाशंकर कमरे के बरामदे में बैठे थे। बारिश थमते ही वे खेतों में चले गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ग्रामीणों ने बताया कि बोरिंग की गुणवत्ता और सुरक्षा की कोई जांच नहीं की गई थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ।

किसानों की शिकायत: कर्ज लेकर बोरिंग, एक बार भी सिंचाई नहीं

किसानों ने बताया कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर बोरिंग कराई थी, ताकि समय पर सिंचाई हो और फसल की पैदावार बढ़े। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण वे एक बार भी खेत नहीं सींच पाए। रामशंकर ने कहा, “हमने कर्ज लिया, लेकिन बोरिंग शुरू होने के कुछ घंटों में ही बंद हो गई। अब कमरा और बोरिंग दोनों धंस गए।” किसानों का आरोप है कि ठेकेदार ने घटिया सामग्री का उपयोग किया, और विभाग ने इसकी कोई निगरानी नहीं की।

ठेकेदार का आश्वासन, ग्रामीणों की चेतावनी

हादसे के बाद ठेकेदार ने किसानों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही दूसरी जगह नई बोरिंग कराई जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समयबद्ध कार्रवाई और नुकसान की भरपाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने लघु सिंचाई विभाग से मांग की है कि बोरिंग की गुणवत्ता जांच और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना: वादे और हकीकत

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को गहरी बोरिंग के लिए 50% तक अनुदान (अधिकतम 1,75,000 रुपये) प्रदान करती है, ताकि सिंचाई सुविधाएं बढ़ें। हालांकि, पूरबखेड़ा गांव का मामला दर्शाता है कि योजना के कार्यान्वयन में लापरवाही बरती जा रही है। किसानों ने विभागीय अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया और मांग की कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

निष्कर्ष: किसानों की उम्मीदों पर सवाल

यह हादसा न केवल लघु सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि किसानों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह तत्काल जांच कराए, नुकसान की भरपाई करे, और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोके।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles