सिद्धार्थनगर, क़मर खान (वेब वार्ता)। सिद्धार्थनगर जनपद के प्रसिद्ध सर्जन डॉ. नसीम अहमद और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. तरन्नुम नसीम ने क्षेत्र का मान बढ़ाते हुए एक और उपलब्धि अपने नाम की है। कॉलेज ऑफ लैप्रोस्कोपिक सर्जन्स (CLSS) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में उन्हें फेलो ऑफ कॉलेज ऑफ लैप्रोस्कोपिक सर्जन्स (FCLS) फेलोशिप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके लैप्रोस्कोपिक सर्जरी और स्त्री रोग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है।
दिल्ली में आयोजित इस भव्य समारोह में देश-विदेश से कुल 109 चिकित्सकों को यह प्रतिष्ठित फेलोशिप प्रदान की गई। सिद्धार्थनगर के डॉ. नसीम अहमद और डॉ. तरन्नुम नसीम इस सूची में शामिल होने वाले क्षेत्र के एकमात्र चिकित्सक हैं। यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि पूरे सिद्धार्थनगर जनपद के लिए गर्व का क्षण है।
डॉ. नसीम अहमद, जो सामान्य सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, ने बताया:
“लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आधुनिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मरीजों को कम दर्द और तेज रिकवरी प्रदान करती है।”
वहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तरन्नुम नसीम ने इस सम्मान को अपने मरीजों और सहयोगी टीम के समर्थन का परिणाम बताया। दोनों चिकित्सक सिद्धार्थनगर के स्थानीय अस्पतालों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं और क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
समुदाय की प्रतिक्रिया और महत्व
स्थानीय समुदाय और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है। जिला चिकित्सा अधिकारी ने कहा:
“डॉ. नसीम और डॉ. तरन्नुम की यह उपलब्धि सिद्धार्थनगर के लिए गर्व का विषय है और युवा चिकित्सकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
यह सम्मान सिद्धार्थनगर जैसे छोटे जनपद के चिकित्सकों की क्षमता को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाता है। डॉ. नसीम अहमद और डॉ. तरन्नुम नसीम को सिद्धार्थनगर की ओर से हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ! हम आशा करते हैं कि वे भविष्य में भी ऐसी ही उपलब्धियाँ हासिल करते रहेंगे।
चिकित्सा क्षेत्र में योगदान
डॉ. नसीम अहमद और डॉ. तरन्नुम नसीम ने सिद्धार्थनगर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से क्षेत्र में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी और महिला स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं। यह फेलोशिप उनके वर्षों के समर्पण का फल है, जो अन्य चिकित्सकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।
समाज पर प्रभाव
इस उपलब्धि ने सिद्धार्थनगर में युवाओं को चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्थानीय अस्पतालों में उनके योगदान से ग्रामीण स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, और यह सम्मान उनके कार्य को और अधिक मान्यता देता है।