देवरिया, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मिशन शक्ति – बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत महिला कल्याण विभाग द्वारा ग्राम पंचायत कुसमौनी, बैकुठपुर में किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य संरक्षण और सशक्तिकरण हेतु एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं और किशोरियों ने भाग लिया, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
मिशन शक्ति: महिलाओं और किशोरियों के लिए सशक्तिकरण की पहल
मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमन और वन स्टॉप सेंटर जैसे मंचों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर जागरूकता और सहायता प्रदान की जा रही है। देवरिया में आयोजित यह कार्यक्रम मिशन शक्ति के पांचवें चरण का हिस्सा था, जो अक्टूबर 2024 से मई 2025 तक चलेगा और इसमें 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
एनीमिया रोकथाम: स्वास्थ्य जागरूकता का मुख्य फोकस
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता मंशा सिंह, जेंडर स्पेशलिस्ट (हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमन, देवरिया), ने कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “महिलाओं और किशोरियों को समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना और सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम अत्यंत आवश्यक है।” विशेष रूप से एनीमिया की रोकथाम पर जोर दिया गया, जो आयरन की कमी से होने वाली एक आम समस्या है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और किशोरियों में व्यापक रूप से देखी जाती है।
विशेषज्ञों ने एनीमिया के लक्षण (थकान, सांस फूलना, चक्कर आना), इसके दुष्प्रभाव (गर्भावस्था में जटिलताएं, कमजोरी) और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। उपस्थित महिलाओं को आयरन युक्त आहार जैसे पालक, दालें, अनार, गुड़ और चुकंदर के सेवन की सलाह दी गई। इसके अतिरिक्त, मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण संबंधी टिप्स भी साझा किए गए, जो किशोरियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी रहे।
कैंसर जागरूकता: प्रारंभिक पहचान और उपचार पर बल
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मीनू जायसवाल, मनोवैज्ञानिक (वन स्टॉप सेंटर, देवरिया), ने सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर HPV वायरस से संबंधित है, जबकि स्तन कैंसर में गांठ, दर्द या निप्पल से डिस्चार्ज जैसे लक्षण हो सकते हैं। रोकथाम के लिए नियमित स्क्रीनिंग (पाप स्मीयर टेस्ट, मैमोग्राफी) और वैक्सीनेशन की सिफारिश की गई।
जायसवाल ने प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि देरी घातक हो सकती है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित किया और वन स्टॉप सेंटर द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता सेवाओं (काउंसलिंग, कानूनी मदद) की जानकारी दी। इस सत्र में मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा हुई, जिसमें तनाव प्रबंधन और आत्मविश्वास बढ़ाने की तकनीकों पर जोर दिया गया।
जागरूकता सत्रों का प्रभाव
जागरूकता सत्रों के माध्यम से किशोरियों और महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समझ को बढ़ाया गया। उन्हें स्वस्थ और सशक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय पर चिकित्सा जांच शामिल थी। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही, जो ग्रामीण स्तर पर इन जानकारियों को और अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहायक होंगी।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में एनीमिया प्रभावित महिलाओं की संख्या में कमी लाने के लिए मिशन शक्ति जैसे अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि महिलाओं में आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की भावना को भी प्रोत्साहित किया।
निष्कर्ष: स्वस्थ और सशक्त समाज की ओर कदम
देवरिया में आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम मिशन शक्ति की सफलता का एक उदाहरण है। यह न केवल स्वास्थ्य संरक्षण पर केंद्रित था, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। वुमेन हेल्पलाइन-181, वन स्टॉप सेंटर, और हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमन जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों और सेवाओं से जोड़ा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।