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ज्ञान, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की ओर एपीजेएकेटीयू का 23वां दीक्षांत समारोह

लखनऊ, अनुराग वर्मा (वेब वार्ता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एपीजेएकेटीयू) ने अपने 23वें दीक्षांत समारोह में ज्ञान, नवाचार, और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ाया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित इस भव्य समारोह में 55,634 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं। इसके साथ ही 88 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को 35 स्वर्ण, 26 रजत, और 25 कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

शुभांशु शुक्ला को मानद उपाधि: राष्ट्रगौरव की प्रेरणा

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लखनऊ में एपीजेएकेटीयू के 23वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

समारोह का एक प्रमुख आकर्षण रहा अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डॉक्टर ऑफ साइंस (DSc) की मानद उपाधि से सम्मानित करना। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें राष्ट्रगौरव और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा:

“शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह एक जिम्मेदारी का दीपक है, जो राष्ट्र को रोशन करता है। विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्रहित में करें।”

शुभांशु शुक्ला, जो हाल ही में जून 2025 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 20-दिवसीय मिशन पूरा कर लौटे, ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने छात्रों से कहा:

धैर्य, अनुशासन, और टीमवर्क ही सफलता की कुंजी हैं। युवा निर्भीक, महत्वाकांक्षी, और अजेय भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें।”

नवाचार और तकनीकी शिक्षा में एपीजेएकेटीयू की उपलब्धियां

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नवाचार पहलों की सराहना करते हुए बताया कि एआईसीटीई आइडिया लैब और प्रदेश की पहली इन्फोसिस लैब ने विद्यार्थियों की प्रतिभा को प्रोटोटाइप में बदलने का अवसर प्रदान किया है। यूपी स्टार्टअप नीति के तहत पिछले तीन वर्षों में 15 इनक्यूबेशन सेंटरों पर 460 से अधिक स्टार्टअप ऑनबोर्ड हुए हैं, जो विश्वविद्यालय की नवोन्मेषी सोच का प्रमाण है।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने अपने संबोधन में कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है। उत्तर प्रदेश में युवाओं को स्टार्टअप और स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।”

उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि एपीजेएकेटीयू के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।

सामाजिक योगदान और समावेशी विकास

  • विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए विद्यालयों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसने समारोह में समावेशी भावना को दर्शाया।

  • 300 आंगनबाड़ी और हेल्थ किट का वितरण किया गया, जो सामुदायिक कल्याण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

  • उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जो शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को प्रोत्साहित करता है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

समारोह में कुलपति प्रो. जयप्रकाश पांडेय, कुलसचिव केशव सिंह, संकायाध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। आयोजन में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने समारोह की भव्यता और विश्वविद्यालय की प्रगति को सराहा।

निष्कर्ष: विकसित भारत @ 2047 की ओर कदम

एपीजेएकेटीयू का 23वां दीक्षांत समारोह न केवल एक शैक्षणिक उत्सव था, बल्कि ज्ञान, नवाचार, और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम भी था। शुभांशु शुक्ला की मानद उपाधि और विश्वविद्यालय की नवाचार पहल इस बात का प्रमाण हैं कि तकनीकी शिक्षा विकसित भारत @ 2047 के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह आयोजन युवाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने कौशल और ज्ञान से राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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