Sunday, October 5, 2025
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सोनीपत में विश्वकर्मा पूजा महोत्सव: सुरेंद्र पंवार ने कहा, भगवान विश्वकर्मा से मिलती है निर्माण और शिल्प कला की प्रेरणा

सोनीपत, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा के सोनीपत में छोटा हलवाई हट्टा में आयोजित श्री श्री सार्वजनिक विश्वकर्मा पूजा वार्षिक महोत्सव में पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया और क्षेत्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि निर्माण और शिल्प कला के देवता भगवान विश्वकर्मा से निरंतर नवीन रचनाओं और नवसृजन की प्रेरणा मिलती रहेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही एक विकसित समाज और देश का निर्माण संभव है।

इस अवसर पर आयोजकों ने सुरेंद्र पंवार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। यह महोत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में कर्मठता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने का संदेश भी देता है।

भगवान विश्वकर्मा का महत्व: पहले इंजीनियर और वास्तुकार

सुरेंद्र पंवार ने अपने संबोधन में कहा, “भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है। वे दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्तुकार थे। उनके द्वारा दिए गए कर्म और रचनात्मकता के संदेश को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा पूजा हमें न केवल शिल्प और तकनीक के प्रति सम्मान सिखाती है, बल्कि देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा भी देती है।

उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे भगवान विश्वकर्मा के विचारों को आत्मसात करें, ताकि समाज और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़े। पंवार ने कहा, “कर्म का मार्ग ही सच्चा मार्ग है। हमें अपने कार्यों से समाज को मजबूत करना है।”

आयोजन का विवरण: सामाजिक और धार्मिक एकता का प्रतीक

श्री श्री सार्वजनिक विश्वकर्मा पूजा वार्षिक महोत्सव छोटा हलवाई हट्टा में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस दौरान स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में सोनू वर्मा, जोगिंद्र वर्मा, अनूप मंडल, निरंजय रॉय, बसंत माझी, मनोजरंज सामंत, शक्ति पांजा, मानस आदक, गोपाल दास, असित, हरेकृष्ण, धनंजय, कानाई, गोबिंद दास, रमेश प्रमाणिक सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

आयोजकों ने भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की और क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। यह महोत्सव शिल्पकारों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भगवान विश्वकर्मा को इन क्षेत्रों का संरक्षक माना जाता है।

विश्वकर्मा पूजा: सामाजिक संदेश और प्रासंगिकता

विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 या 18 सितंबर को कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। यह शिल्पकारों, कारीगरों और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए विशेष पर्व है। सोनीपत में यह आयोजन सामाजिक एकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने का एक मंच बन गया। सुरेंद्र पंवार ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मकता और कर्मठता का संदेश फैलाते हैं, जो ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में मदद करते हैं।

यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यदि आप इस तरह के आयोजनों में भाग लेना चाहते हैं, तो स्थानीय समितियों से संपर्क करें।

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