कुशीनगर, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा के जींद जिले के गाँव खोखरी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना के तहत बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केंद्र संख्या-188 (जिले का 73वां केंद्र) की स्थापना की गई। इस अवसर पर मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक व राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने किशोर विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया। सेमिनार का विषय था “बाल सुरक्षा और जागरूकता: खेल गतिविधियों के माध्यम से किशोरों को पढ़ाना”।
खेल गतिविधियों का महत्व: मुख्य वक्ता का संदेश
मुख्य वक्ता अनिल मलिक ने कहा, “बाल किशोरों की उम्र विशेष को ध्यान में रखते हुए खेल विधियों और खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से सुरक्षित रुचिकर प्रतिभागिता को बढ़ाकर संज्ञानात्मक ज्ञान विकसित किया जा सकता है।” उन्होंने बताया कि खेल विद्यार्थियों को भावनाओं को समझने, संवाद करने, टीम वर्क, और सामाजिक मुद्दों की पहचान में मदद करते हैं।
मालिक ने चिंता जताई कि बाल शोषण की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके कारणों में यौन शिक्षा का अभाव, जागरूकता की कमी, और भावनात्मक समर्थन का अभाव शामिल हैं। उन्होंने गोपनीयता बनाए रखते हुए संवेदनशील विषयों पर खुलकर चर्चा करने की अपील की। खेल गतिविधियों से तनाव कम, स्वास्थ्य लाभ, और जेंडर असमानता जैसी कुरीतियों का समाधान संभव है। उन्होंने कहा, “स्क्रीन टाइम कम करें, सोचने-लिखने, चर्चा, और अनुभव साझा करने को प्रोत्साहित करें।”
परामर्शदाता की सलाह: निरंतरता का महत्व
परामर्शदाता नीरज कुमार ने परामर्श सेवाओं की निरंतरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किशोरों को उनकी उम्र के अनुसार मार्गदर्शन देना आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता
प्रधानाचार्य पूनम साहू ने कहा, “मनोवैज्ञानिक समझ विकसित करके विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभागिता से जीवन कौशल की नई राह बनाई जा सकती है। आज का कार्यक्रम अत्यंत प्रभावशाली रहा।”
विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में सरपंच सुनीता, बबिता रानी, बलजीत, रेणुका, मंजू, आजाद, आशा, कमल, सुमन, बिंटू आदि शिक्षक मौजूद रहे।
खोखरी में यह सेमिनार बाल किशोरों की सुरक्षा और जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। खेल गतिविधियों से विकास को बढ़ावा मिलेगा।