सोनीपत/गोहाना, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केंद्र संख्या-149 के अंतर्गत गोहाना स्थित बाल भारती विद्यापीठ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था – “व्यापक दृष्टिकोण विकसित करके बच्चों के भावनात्मक विकास का समर्थन”, जिसमें विशेषज्ञों ने डिजिटल युग में बच्चों की मानसिक और सामाजिक स्थिति पर गहन चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि “डिजिटल तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, लेकिन इससे जुड़ी चुनौतियों को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बच्चों के भावनात्मक विकास को लेकर हमें अत्यंत संवेदनशील और जागरूक रहने की ज़रूरत है।”
उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि माता-पिता को बच्चों की भावनाओं को समझना चाहिए और उन्हें अपनी बात खुलकर व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। “बच्चों में सहानुभूति, आत्मनियंत्रण और सामाजिक कौशल विकसित करना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बन गई है,” उन्होंने कहा।
परामर्शदाता नीरज कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बच्चों के मन को समझने की कोशिश करनी चाहिए। “यह सिर्फ एक माता-पिता या शिक्षक का नहीं, बल्कि समाज के हर सदस्य का सामूहिक दायित्व है,” उन्होंने जोड़ा।
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता स्कूल प्रबंध समिति की सदस्य मधु गौड़ और विद्यालय की प्राचार्या सुमन कौशिक ने की। दोनों ने एक स्वर में कहा कि “खुले मन से संवाद ही किसी भी समस्या के समाधान की ओर पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है।”
कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति में शामिल रहे:
विजय चौहान (अनुशासन इंचार्ज)
अशोक सहारण (राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य)
नीरज कुमार (परामर्शदाता)
इन्दु रानी (बाल हित कार्यकर्ता)
डॉ० स्वाति शर्मा (प्रवक्ता)
अधिकारियों और शिक्षाविदों ने बच्चों की मानसिक स्थिति पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों जैसे माता-पिता के बीच झगड़े, दुर्व्यवहार और संवादहीनता पर भी चिंता जताई। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की समस्याओं को गंभीरता से लें और सही समय पर परामर्श लें।
सेमिनार का उद्देश्य न केवल बच्चों की भावनात्मक भलाई सुनिश्चित करना था, बल्कि यह भी था कि समाज एकजुट होकर बच्चों को एक सकारात्मक, समझदारीपूर्ण और भावनात्मक रूप से मजबूत वातावरण प्रदान करे।