लद्दाख, 23 जुलाई (वेब वार्ता)। दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित विश्वविद्यालय, सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय (SCU) ने मंगलवार को अपने प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया, जिसमें तीन स्नातकोत्तर कार्यक्रमों से पास हुए 14 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। यह समारोह लद्दाख के केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान में आयोजित हुआ।
दीक्षांत समारोह में लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोटवाल, आईआईटी मद्रास के निदेशक व एससीयू के कार्यकारी अध्यक्ष वी. कामकोटि, और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय की स्थापना और उद्देश्य
वी. कामकोटि ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2021 के अंतर्गत की गई थी, और इसकी आधारशिला 20 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
उन्होंने बताया कि:
SCU को एक नवाचारी और अंतःविषयी शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
यह भारत के 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम संचालित करेगा।
2028 तक इसका स्थायी परिसर पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
स्थायी परिसर की अनोखी भौगोलिक स्थिति
SCU का स्थायी परिसर लद्दाख के खलत्सी गांव में बन रहा है, जो समुद्र तल से करीब 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे विश्व का सबसे ऊंचा विश्वविद्यालय माना जा रहा है। वर्तमान में विश्वविद्यालय एक अस्थायी परिसर से संचालन कर रहा है, जिसमें:
लाइब्रेरी
मल्टीफंक्शनल लैब
कक्षाएं
छात्रावास जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रारंभिक पाठ्यक्रम और विस्तार
2024 के पहले शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालय ने तीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए:
ऊर्जा प्रौद्योगिकी और नीति में एमटेक
वायुमंडलीय और जलवायु विज्ञान में एमटेक
सार्वजनिक नीति में एमए
हाल ही में बौद्ध अध्ययन और दर्शनशास्त्र में एम.ए. कोर्स की भी शुरुआत की गई है।
छात्रों के अनुभव: उद्देश्यपूर्ण शिक्षा की तलाश
लेह से स्नातक हुए छात्र तेनज़िन ज़ेंगकिंग ने बताया कि उन्हें इस विश्वविद्यालय की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली और इसके पाठ्यक्रमों में स्थिरता व ऊर्जा पर खास ध्यान देने से वे आकर्षित हुए। उन्होंने कहा,
“यह पाठ्यक्रम उद्देश्यपूर्ण लगा, खासकर लद्दाख जैसे स्थान पर जहां स्थिरता रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है।”
देश और दुनिया के लिए उदाहरण
इस विश्वविद्यालय की सफलता न केवल लद्दाख क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच को सशक्त करती है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए यह दिखाती है कि पर्यावरणीय चुनौतियों वाले क्षेत्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा संभव है।
सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय की यह ऐतिहासिक शुरुआत लद्दाख और पूरे देश के लिए प्रेरणास्पद है। ऊंचाई, नवाचार और सतत विकास का यह संगम भविष्य के लिए शिक्षा का एक नया मानक स्थापित कर रहा है।