Saturday, July 26, 2025
Homeराज्यबिहार विधानसभा में मानसून सत्र का समापन हंगामे के साथ, नीतीश कुमार...

बिहार विधानसभा में मानसून सत्र का समापन हंगामे के साथ, नीतीश कुमार ने विपक्ष पर कसा तंज

पटना, (वेब वार्ता)। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र अपने आखिरी दिन भी विपक्षी हंगामे की भेंट चढ़ गया। शुक्रवार को आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने एक बार फिर सदन के भीतर जोरदार प्रदर्शन किया। विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया और प्रश्नकाल के दौरान बेल में आकर जोरदार नारेबाजी करते हुए मेजें गिराने की कोशिश की।

विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन उनकी बात अनसुनी रही। लगातार बढ़ते हंगामे के कारण उन्हें सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

विशेष मतदाता सूची संशोधन पर विरोध

विपक्षी दलों का यह विरोध राज्य में चल रहे विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान (Special Intensive Revision) के खिलाफ है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर गरीब, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं के नाम सूची से हटाने का षड्यंत्र कर रहे हैं ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में धांधली की जा सके।

विपक्ष का यह भी कहना है कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और जन प्रतिनिधियों की भूमिका को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर चुका है, जहां इस अभियान की वैधता को चुनौती दी गई है।

नीतीश कुमार ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में विपक्ष के प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा, “सबने एक जैसे काले कपड़े पहन रखे हैं। अब तो रोजाना यही हो रहा है – नारेबाजी और हंगामा। पहले कभी-कभी ऐसा होता था, अब यही दिनचर्या बन गई है।” उन्होंने आगे कहा, “जनता जानती है कि सरकार ने कितना काम किया है और किस तरह हर वर्ग को लाभ पहुंचाया गया है।”

सीएम नीतीश के इस बयान को विपक्ष के लगातार विरोध की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। विपक्ष ने उनके बयान को “असंवेदनशील और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाला” करार दिया है।

विधायी कार्य बाधित, सरकार पर जवाबदेही से बचने का आरोप

इस पूरे पांच दिवसीय सत्र में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के चलते कई बार कार्यवाही बाधित हुई और कई अहम विधायी कामकाज नहीं हो सके। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार मतदाता सूची के मुद्दे पर बहस से बचना चाहती है, जबकि यह लोकतंत्र की जड़ से जुड़ा मामला है।

सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका मकसद मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाना है।

बिहार विधानसभा का यह मानसून सत्र लोकतांत्रिक विमर्श की बजाय राजनीतिक टकराव और आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गया। मतदाता सूची जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सार्थक बहस की अपेक्षा हंगामा और तंज के साथ सत्र का समापन यह दिखाता है कि सियासी ध्रुवीकरण कितना तीव्र हो गया है। आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में यह विवाद और गहराने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments