शिलांग/कोबे, 23 जुलाई (वेब वार्ता)।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने जापान के कोबे शहर में कार्यरत मेघालय की 27 नर्सों से मुलाकात की, जो राज्य सरकार की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कौशल पहल ‘मिशन मून’ के तहत जापान भेजी गई हैं। इस मुलाकात को राज्य सरकार की वैश्विक स्तर पर युवाओं को रोजगार दिलाने की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।
‘मिशन मून’: गांव से वैश्विक मंच तक का सफर
मेघालय राज्य कौशल विकास सोसायटी (MSSDS) द्वारा मार्च 2023 में शुरू की गई ‘मिशन मून’ योजना का उद्देश्य है –
“स्वास्थ्य क्षेत्र से प्रशिक्षित युवाओं को विदेशों में गुणवत्तापूर्ण रोजगार दिलाना और भारत के कौशल को वैश्विक पहचान दिलाना।”
अब तक:
27 नर्सों की नियुक्ति जापान में
18 नर्सें सिंगापुर में कार्यरत
30 अन्य जर्मनी में नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
मुख्यमंत्री का संवाद और सराहना
कोबे में आयोजित मुलाकात में मुख्यमंत्री संगमा ने नर्सों से बातचीत करते हुए कहा:
“यह केवल एक रोजगार योजना नहीं, बल्कि जिंदगियों को नया आकार देने वाली पहल है। हमारे युवा गरिमा और उत्कृष्टता के साथ मेघालय का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।”
उन्होंने नर्सों के साहस, समर्पण और आत्मबल की सराहना की और उन्हें हरसंभव सरकारी सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नर्सों की प्रेरणादायक कहानियां
लाइकर्मेन खारदेवसाव (उमत्रेवसाव गांव, री भोई जिला):
“गांव से जापान तक का सफर कठिन था, लेकिन सरकार, परिवार और विश्वास की बदौलत आज मैं अपने सपने को जी रही हूं।”
जेनीशा लिंगदोह (कोबे कैसेई अस्पताल):
“यह अवसर मेरे लिए जीवन बदलने वाला रहा है। मैं सरकार और MSSDS की आभारी हूं।”
प्रशिक्षण, सहायता और विस्तार की योजना
चयनित उम्मीदवारों को ₹50,000 की सहायता दी गई जिससे वे जापानी भाषा और संस्कृति का प्रशिक्षण ले सकें।
अगस्त 2023 में शिलॉंग में आयोजित ‘ओवरसीज नर्सिंग जॉब फेयर’ में 1300 से अधिक युवाओं ने भाग लिया।
वर्ष 2024 में योजना का विस्तार कर MSSDS ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल (NSDC-I) के साथ मिलकर एक नया जॉब फेयर आयोजित किया।
भविष्य की दिशा: 1000 युवाओं को विदेश भेजने का लक्ष्य
MSSDS के अनुसार:
आने वाले 2 वर्षों में 500 से 1000 युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षित कर विदेशों में नियोजन की योजना है।
राज्य की 1000 से अधिक पंजीकृत नर्सें अभी भी विदेशों में नौकरी की प्रतीक्षा कर रही हैं।
“हम अपने युवाओं को सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक प्रभाव के लिए तैयार कर रहे हैं।”
— MSSDS अधिकारी
निष्कर्ष: ‘मिशन मून’ बन रहा है वैश्विक सफलता की नई गाथा
‘मिशन मून’ न केवल रोजगार दिलाने की पहल है, बल्कि यह मेघालय के दूरदराज के गांवों से लेकर जापान जैसे उन्नत देशों के अस्पतालों तक युवाओं के सपनों को पंख देने वाला प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है। यह योजना स्थानीय प्रतिभा को वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक सशक्त और प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है।