भोपाल, 05 जुलाई (वेब वार्ता)। रेलवे नई परियोजनाओं के अंर्तगत अधोसरंचना निर्माण कार्यो को गति प्रदान के लिए कृतसंल्कपित है। पश्चिम मध्य रेल में भी न्यू लाईन, दोहरीकरण एवं तिहरीकरण जैसे विभिन्न अधोसंरचना के निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निरंतर प्रयास जारी है। इसी कड़ी में अधोसरंचनात्मक रेल परियोजनाओं को महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के सतत निगरानी में तेज गति के साथ किया जा रहा है। जिसके चलते कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा मालखेड़ी-महादेवखेड़ी रेलखण्ड कुल 6.9 किलोमीटर का निरीक्षण किया गया साथ ही 110 किमी/घंटा की गति से स्पीड ट्रायल किया।
शुक्रवार 05 जुलाई 2024 को मध्य वृत्त के रेल संरक्षा आयुक्त श्री मनोज अरोरा द्वारा दोहरीकरण रेल खण्ड (अप लाइन) के अर्न्तगत जबलपुर एवं भोपाल मण्डलों पर स्थित मालखेड़ी-महादेवखेड़ी रेलखण्ड का कमीशनिंग के उद्देश्य से निरीक्षण किया। इस सेक्शन के निरीक्षण के दौरान पमरे मुख्यालय से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री मनोज कुमार अग्रवाल के साथ अन्य अधिकारीगण एवं जबलपुर मंडल से मंडल रेल प्रबंधक श्री विवेक शील, भोपाल मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी एवं दोनों मण्डलों के अन्य वरिष्ठ मंडल इंजीनियर मौजूद रहे।
गौरतलब है इस सेक्शन की कुल दूरी 6.9 किलोमीटर है, जिसमें स्टेशन बिल्डिंग, यार्ड, बड़े ब्रिज, छोटे ब्रिज एवं लेवल क्रासिंग शामिल है। इस निर्माणाधीन डबल लाइन रेलखण्ड पर रेल ट्रैक, ओ.एच.ई. लाइन, स्टेशन बिल्डिंग, मेजर /माइनर ब्रिजों, रेल ओवर रेल, लेवल क्रॉसिंग एवं यार्ड का संरक्षा की दृष्टि से सघन निरीक्षण किया गयाl सीआरएस ने मालखेड़ी-महादेवखेड़ी सेक्शन में अधिकतम 110 किमी/घंटा की गति से सफल स्पीड ट्रायल भी किया।
पश्चिम मध्य रेल पर कटनी–बीना एवं बीना-गुना रेल खंड एक कोल रूट होने के कारण एक अत्यंत व्यस्त रूट है एवं उक्त सेक्शन डबल लाइन हो जाने से इस रूट की व्यस्तता में माल यातायात को राहत मिलेगी साथ ही यात्री यातायात का संचालन और भी सुगम हो सकेगा। इस रेलखण्ड के कमीशन हो जाने से रेलव में कई फायदे होंगे।
- रेल ओवर रेल के चलते रेल यातायात निर्बाध रूप से संचालित होगा।
- गुड्स एवं पैसेंजर ट्रैफिक के बढ़ने से रेल राजस्व में वृद्धि होगी।
- रेलखण्ड की क्षमता में वृद्धि होने से रेल परिचालन बढ़ेगा और समयपालनता सुनिश्चित होगी।
- रेल सुरक्षा में बढ़ोत्तरी साथ ही ट्रेनों का सुगम संचालन भी हो सकेगा।
- रेलवे के आसपास क्षेत्रों के औधोगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।