श्रीनगर, (वेब वार्ता)। देशभर में शनिवार को 26वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर लद्दाख के द्रास शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां देश ने कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीदों को नमन करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस पर मैं हमारे शहीदों को नमन करता हूं और उनके साहस, वीरता और बलिदान को सलाम करता हूं। हमारे जवानों ने दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में लड़ाई लड़ी और दुश्मन को परास्त किया। उनका शौर्य और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने भी अपने वीर सैनिकों को याद करते हुए एक्स पर लिखा, “26वें कारगिल दिवस पर नार्दर्न कमांड अपने वीर जवानों को याद करते हुए कई भावपूर्ण आयोजनों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।”
सेना ने बताया कि कारगिल विजय दिवस के तहत साइकिल यात्राओं से लेकर मैराथन, क्रिकेट टूर्नामेंट, वीर गाथा कार्यक्रमों और युद्ध स्थलों तक ट्रैकिंग अभियानों जैसे कई आयोजन किए गए, जो हमारे सैनिकों की अडिग भावना का सम्मान हैं।
इसके अलावा, शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, ताकि उनके सर्वोच्च बलिदान को देश याद रख सके।
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को द्रास में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
साथ ही, शनिवार को ही कारगिल जिले में सेना द्वारा तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें एक ई-श्रद्धांजलि पोर्टल भी शामिल है, जहां नागरिक शहीदों को डिजिटल माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को ही कारगिल पहुंच गए थे और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य आयोजनों में हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की गई थी, जो लगभग तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारत की विजय का प्रतीक बना।
इसे लेकर शनिवार को द्रास में केंद्रीय खेल मंत्री के नेतृत्व में एक पदयात्रा निकाली गई, जिसमें 1,000 से अधिक युवा स्वयंसेवक, पूर्व सैनिक, सैनिक परिवार, सशस्त्र बलों के जवान और आम नागरिक शामिल हुए। यह 1.5 किलोमीटर लंबी पदयात्रा सुबह 7 बजे हिमाबास पब्लिक हाई स्कूल से शुरू होकर, भिंबेट स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक संपन्न हुई।