Saturday, August 2, 2025
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जैसलमेर में सरकारी स्कूल का खंभा गिरा: मासूम छात्र की मौत, शिक्षक घायल

जयपुर, 28 जुलाई (वेब वार्ता)। राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक सरकारी स्कूल के मुख्य द्वार का खंभा (Pillar) गिरने से छह वर्षीय छात्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक शिक्षक समेत एक अन्य छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस हादसे ने प्रदेशभर में शिक्षा प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब हाल ही में झालावाड़ में भी एक स्कूल भवन ढहने से सात बच्चों की जान गई थी


🧱 हादसा कैसे हुआ?

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे के अनुसार, घटना सोमवार को रामगढ़ क्षेत्र के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में हुई।
छात्र अरबाज़ खान (6 वर्ष) स्कूल से छुट्टी के बाद बाहर निकल रहा था, तभी अचानक स्कूल के मुख्य द्वार का पुराना और जर्जर खंभा गिर गया।
अरबाज़ की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि शिक्षक अशोक कुमार सोनी को गंभीर चोटें आईं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


👪 परिजनों का विरोध और आक्रोश

इस दर्दनाक हादसे के बाद गुस्साए परिजन बच्चे के शव के साथ स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए
प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और संवाद की कोशिशें जारी हैं।
स्थानीय लोगों ने स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को लेकर पूर्व में कई बार शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।


⚠️ लगातार हादसे: एक गंभीर चेतावनी

यह चार दिन के भीतर राजस्थान में दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले शुक्रवार को झालावाड़ के पिपलोदी गांव में एक सरकारी स्कूल की इमारत का हिस्सा ढह गया था, जिसमें सात बच्चों की जान चली गई थी
इससे साफ है कि सरकारी स्कूल भवनों की सुरक्षा की उपेक्षा जानलेवा साबित हो रही है।


🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व Twitter) पर अपनी प्रतिक्रिया दी:

जैसलमेर में स्कूल का गेट गिरने से एक मासूम छात्र की मृत्यु बेहद दुखद है। झालावाड़ के बाद एक और दुखद घटना प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय है।

बरसात के मौसम में ऐसी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह है कि तत्काल व्यापक निरीक्षण और सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।


🏫 राज्य सरकार पर उठते सवाल

लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद राज्य सरकार की शिक्षा नीति और बुनियादी ढांचे की निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में जब मॉनसून पूरे राज्य में सक्रिय है, स्कूल भवनों की संरचनात्मक ऑडिट (Structural Audit) करवाना अनिवार्य हो गया है।


🔚 निष्कर्ष

राजस्थान में हो रही इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
सरकार को चाहिए कि वह सभी स्कूलों की भवन स्थिति का तत्काल निरीक्षण कराए और जहां आवश्यकता हो, वहां तत्काल मरम्मत या पुनर्निर्माण के आदेश दे।
अरबाज़ की मौत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि व्यवस्था की लापरवाही का शिकार एक मासूम जीवन है, जिसे अब कोई वापस नहीं ला सकता।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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