पटना/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत चलाया जा रहा विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) का पहला चरण 25 जुलाई को समाप्त हो गया। इस चरण में 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। अब आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी।
91.8% मतदाताओं ने फॉर्म जमा किया
भारतीय चुनाव आयोग ने रविवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में बताया कि बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 91.8 प्रतिशत ने मतदाता सत्यापन हेतु एन्यूमरेशन फॉर्म भरे। यह कार्य राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी, और 77,895 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की मेहनत से संपन्न हुआ। साथ ही 12 राजनीतिक दलों के 1.60 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट्स) ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
डोर-टू-डोर अभियान और ऑनलाइन भागीदारी
पहले चरण में बीएलओ कर्मियों ने हर मतदाता के घर जाकर फॉर्म बांटे और जमा किए। इसके अलावा 29 लाख से अधिक फॉर्म ऑनलाइन भरे या डाउनलोड किए गए, जिससे तकनीक का व्यापक उपयोग भी दिखा।
आयोग के अनुसार, इस अभियान में खास तौर पर शहरी मतदाताओं, नए युवा वोटरों और प्रवासी नागरिकों पर फोकस किया गया। बिहार के सभी 261 नगरीय निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर लगाए गए।
1 अगस्त से शुरू होगा दावा-आपत्ति चरण
आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक मतदाता दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इस दौरान ऐसे मतदाता जिनका नाम छूट गया हो, या जिनके नाम में त्रुटियाँ हों, वे फॉर्म-6, फॉर्म-7 या फॉर्म-8 के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
विशेष रूप से 1 जुलाई 2024 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं को मतदाता सूची में जोड़ने हेतु अभियान चलाया जाएगा।
डिजिटल माध्यमों से बढ़ाया गया जागरूकता स्तर
चुनाव आयोग ने बताया कि सत्यापन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हेतु मतदाताओं को 10.2 करोड़ एसएमएस भेजे गए। इन संदेशों के माध्यम से मतदाताओं को उनके फॉर्म की स्थिति की जानकारी दी गई। साथ ही राजनीतिक दलों को मृतक, स्थानांतरित या अनुपलब्ध मतदाताओं की सूची भी प्रदान की गई, जिससे वे क्षेत्रीय सत्यापन कर सकें।
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा
आयोग ने यह भी बताया कि बुजुर्ग, दिव्यांग और कमजोर वर्गों की सहायता हेतु विशेष स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है। ये स्वयंसेवक मतदाताओं को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और फॉर्म भरने में सहयोग प्रदान करेंगे।
महत्वपूर्ण निर्देश
1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में से किसी का नाम हटाने से पूर्व स्पष्टीकरण युक्त आदेश अनिवार्य होगा।
मतदाता ऐसे किसी निर्णय से असहमत होने पर अपील कर सकेंगे—जिलाधिकारी या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष।
फॉर्म भरने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध रहेंगे।