नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की सड़कों पर दुर्घटनाओं में घायल लोगों की जान बचाने वाली ‘फरिश्ते योजना’ को बीजेपी सरकार के अपने पहले बजट में ही बंद करने का आरोप लगा है। इस पर आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। आप नेता सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि फरिश्ते योजना को बंद कर बीजेपी ने हजारों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना बंद करने वालों को ‘राक्षस’ कहा जाना चाहिए।
क्या थी फरिश्ते योजना?
फरिश्ते योजना को 2017 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने शुरू किया था। इसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को नज़दीकी निजी अस्पताल में तुरंत भर्ती कराया जाता था। इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी। योजना का उद्देश्य लोगों को इलाज में देरी के कारण होने वाली मौतों से बचाना था। इस योजना के तहत करीब 10, 000 से अधिक लोगों की जान बचाई गई।
बीजेपी सरकार ने योजना को क्यों बंद किया?
आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही इस जन-हितकारी योजना को बंद कर दिया। उन्होंने कहा, “2023 में जब मैं मंत्री था, तब एलजी साहब के अफसर इस योजना का बजट रोकना चाहते थे। मैंने कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अफसरों ने बजट जारी किया और योजना को चालू रखा गया। अब बीजेपी ने सरकार बनते ही फरिश्ते योजना को बंद कर दिया। ”
आप का बीजेपी पर हमला
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि फरिश्ते योजना ने हजारों लोगों की जान बचाई, लेकिन बीजेपी ने इसे बंद कर अपनी संवेदनहीनता दिखाई है। उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता की ज़िंदगी बचाने वाली योजना को बंद करने वाले राक्षस हैं। पहले अपने एलजी के जरिए इस योजना को रुकवाने में नाकाम रही बीजेपी ने सत्ता में आते ही इसे खत्म कर दिया। ”
फरिश्ते योजना से जुड़ा विवाद
आप का कहना है कि 2023 में ही बीजेपी ने एलजी और अधिकारियों की मदद से योजना का बजट रोकने की कोशिश की थी, ताकि इसे बंद किया जा सके। हालांकि, अदालत के हस्तक्षेप के बाद योजना जारी रही। अब बीजेपी ने सत्ता में आते ही इसे बंद कर दिया है।
आप नेताओं का कहना है कि फरिश्ते योजना बंद होने से सड़क हादसों में घायल लोगों को त्वरित इलाज नहीं मिल पाएगा, जिससे उनकी जान बचाना मुश्किल हो सकता है। वहीं, दिल्ली सरकार का कहना है कि वह जल्द ही स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए नई योजनाएं लाने पर विचार कर रही है, लेकिन फरिश्ते योजना के स्थान पर कोई वैकल्पिक स्कीम की घोषणा नहीं की गई है।
फरिश्ते योजना से जुड़ी मुख्य बातें
2017 में केजरीवाल सरकार ने योजना की शुरुआत की।
अब तक 10, 000 से अधिक लोगों की जान बचाई गई।
इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी।
बीजेपी सरकार ने बजट में इस योजना को खत्म कर दिया।