बरेली, 24 अगस्त (देश दीपक गंगवार)। 105 वां आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी तीन रोज़ा उर्स-ए-रज़वी 10 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। उर्स की सभी रस्में दरगाह आला हजरत से लेकर इस्लामिया मैदान पर अदा की जाएगी। उर्स की तैयारियां दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी मियां) की निगरानी में होंगी। इसी कड़ी में ज़िले की सभी तहसीलों में सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) की निगरानी में बैठकों का दौर जारी है। दरगाह आला हज़रत पर भी ज़ायरीन की सहूलियत के लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस कड़ी में दरगाह परिसर में दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में सभी वालिंटियर्स की बैठक हुई। आगाज़ मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम ने तिलावत-ए-कुरान से से किया। सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने कहा कि उर्स-ए-रज़वी में दुनियाभर से ज़ायरीन शिरक़त करने बरेली पहुँचेगे। उनके ठरहने व खाने-पीने की व्यवस्था दरगाह की तरफ से की जाती है लेकिन लाखों की तादात में आने वाले ज़ायरीन के लिए ये व्यवस्था नाकाफ़ी होती है। इसलिए सभी बरेलीवासियों से अपील है कि वो लोग ज़ायरीन की ख़िदमत तन मन धन से करें। बरेली आला हज़रत की नगरी है और यहाँ की मेहमान नवाज़ी दुनिया भर में मशहूर है।
मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि उर्स-ए-रज़वी देश-भर में एकलौता उर्स है जिसमें दुनियाभर के चोटी के उलेमा व शोहरा ख़िताब करने बरेली पहुँचते है। बरेली के स्टेज़ से दुनियाभर के उलेमा मज़हब व सुन्नियत और आला हज़रत के मिशन के लिए तक़रीर करते है। इस साल भी बड़े पैमाने पर ज़ायरीन के साथ उलेमा व शोहरा के आने की सूचना दरगाह पहुँच रही है। बेहतर सुविधा के लिए सभी रज़ाकारों से सुझाव मांगे गए। टीटीएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शाहिद नूरी, परवेज़ नूरी व औररंगज़ेब नूरी ने सभी रज़ाकारों से अभी से ज़ायरीन की खिदमत में जुटने कहा ताकि बाहर से आने वाले किसी मेहमान को दिक्कत का सामना न करना पड़े।
हाजी जावेद खान, अजमल नूरी, ताहिर अल्वी व मंज़ूर रज़ा ने सभी से कहा कि उर्स से पहले सभी लोग होर्डिंग व वैनर के ज़रिए ज़ायरीन का इस्तकबाल करेंंगे। उर्स का संचालन हाजी जावेद खान करेंगे। इस मौके पर आसिफ रज़ा, सय्यद माजिद अली, तारिक सईद, गौहर खान, मोहसिन रज़ा, काशिफ सुब्हानी, नईम नूरी, सुहैल रज़ा, साकिब रज़ा, अब्दुल माजिद, जोहिब रज़ा, नफीस खान, हाजी शारिक नूरी, अश्मीर रज़ा, रोमान रज़ा, फारूक खान, ज़ीशान कुरैशी, फय्याज हुसैन, साजिद नूरी, जुनैद मिर्ज़ा, ग़ज़ाली रज़ा, आदिल रज़ा, शारिक बरकाती हसीन खान, अजमल खान, समी खान, यूनुस गद्दी, मुस्तकीम नूरी, सय्यद एजाज़, ताहिर नूरी, शाद रज़ा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।