कुशीनगर, 14 सितंबर (ममता तिवारी)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के राष्ट्रीय लोकदल के गोरखपुर मंडल के अध्यक्ष राम भवन राव ने हिन्दी दिवस पर कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने लगभग 180 वर्ष पूर्व ही मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया था। लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद अंग्रेजी के प्रभाव ने मातृभाषा को हाशिए पर ला दिया। हिंदी को भी शिक्षा और रोजगार की भाषा बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी मातृभाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई नहीं करेंगे। तब तक हिंदी को वह सम्मान नहीं मिलेगा। जिसकी वह हकदार है। हिंदी विभिन्न भाषाओं के शब्दों को आत्मसात कर लेती है। लेकिन सोशल मीडिया में हिंदी के शब्दों को ही तोड़.मरोड़ कर प्रयोग किया जा रहा है। देवनागरी की वैज्ञानिकता हिंदी को मजबूती प्रदान करती है। प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा के साथ.साथ बच्चों को व्याकरण ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया जाए तभी हम अपने मातृभाषा के सम्मान की रक्षा कर पाएंगे। राव ने कहा कि कोई भी भाषा तभी दीर्घजीवी और महत्वपूर्ण बनती है। जब वह विचारए चिंतनए ज्ञानए विज्ञान की भाषा बनती है। हम हिंदी के संचार की तादाद को देखकर खुश हैं जबकि आज भी ज्ञान की भाषा संस्कृति और अंग्रेजी है। हमें छोटी कक्षा से उच्च शिक्षा तक हिंदी भाषा में ज्ञान और विज्ञान के पाठ्य पुस्तकों के साथ.साथ संदर्भ ग्रंथ की भी आवश्यकता है। इसे पूरा करना चाहिए।