-उपभोक्ता 9 घंटे रहे परेशान पेड़ों की टहनियों की छटाई
बरेली, 10 सितंबर (देश दीपक गंगवार)। पूरे साल खामोशी से सोए हुए बिजली विभाग के अधिकारी आखिरकार बारिश में नींद से जाग गए और ऐसे जागे जिससे आधे शहर के उपभोक्ताओं को ही अंधेरे में कर दिया। हल्की सी हुई बारिश में जिस तरह से शहर की बिजली व्यवस्था मुंह के बल गिरी उससे ऐसा लगता है बिजली विभाग के अधिकारी बखूबी अपने काम को सुस्ती से अंजाम दे रहे हैं। इससे विभागीय तैयारियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। आखिर विभाग के अधिकारी जिस तरह से काम चलाऊ संस्कृति में सुधार नहीं कर रहे हैं, इससे आम आदमी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऐसे समय में बिजली कटौती की जा रही है। जहां बिजली अधिकांश लोगों की जीवन रेखा बनी हुई है। इस तथ्य को शायद विभाग अब तक नहीं समझ रहा है। आखिर कोई तेज़ आंधी या बारिश तो आई नहीं थी। जिसकी वजह से विभाग ने 9 घंटे बिजली आपूर्ति बाधित कर दी। शहर से सटे किला, हारुन नगला, जगतपुर, लीचीबाग़, आनंद बिहार, फूटा दरवाज़ा, लाल मस्जिद, जिसोली, ज़खीरा, खंन्नू मोहल्ला, नाला, मलूकपूर समेत कई ऐसे इलाके थे जिनको बिजली गुल होने के बाद सुबह से ही पानी के लिए परेशान होते रहे। लेकिन फिर भी जिस तरह से बूंदा बांदी में भी पूरी बिजली आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होती दिखी, यह एक गंभीर मसला है। लोगों का कहना है कि विभाग को इस मसले पर गंभीर होने की जरूरत है। बिजली आपूर्ति बाधित होने का सबसे ज्यादा असर व्यवसायियों पर भी पड़ा। बिजली पर आधारित कई व्यवसायियों का काम बुरी तरह बाधित रहा। एक तरफ बारिश तो दूसरी तरफ पानी की किल्लत ने लोगों को परेशान कर दिया। लोगों ने हैंडपंपों से पानी भरकर काम चलाया। शाम में लगभग 6 बजे शहर में बिजली आई तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं बिजली अधिकारी से जब इस मामले में बात की गई तों उनका कहना था कि फीडर के लाइन से लगे पेड़ों की टहनियों को काटा जिसकी वजह से बिजली आपूर्ति बाधित है। हद तों तब हो गईं जब बिजली अधिकारी 9 -10 घंटे की कटौती की जगह बोले एक-दो घंटे को बिजली काटी गई है। जल्द सुचारू हो जाएगी। बारिश के बाद मौसम ठीक हो गया है। इस समय उपभोक्ता को कूलर, एसी की भी आवश्यकता नहीं है। 1-2 घंटे अगर बिजली गुल हो रही है तों उपभोक्ता एक -दो फैन और बल्ब चलाकर बिजली सुचारू होने तक गुजारा कर सकते हैं।
नगर अधीक्षण अभियंता विकास सिंघल का कहना है कि बारिश के कारण फाल्ट आ गये थे जिसके कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। पेड़ों की कटाई और छटाई चल रही है। जल्द बिजली सुचारू की जाएगी।