बरेली, 04 सितंबर (देश दीपक गंगवार)। प्रदेश में सपा सरकार कार्यकर्ताओं की गुडागिर्दी से गई थी अब योगी सरकार की छवि उनकी ही बेईमान पुलिस हर रोज खराब कर रही है। योगी वन सरकार में गलत कार्य करने वाले पुलिस वालों को जबरिया रिटायर्ड भी किया गया था परंतु अब पुलिस पर कार्रवाई क्यों नही हो रही है? रविवार को पत्रकार से 35000 की लूट के साथ बुरी तरह से पीटा फर्जी एनकाउंटर करने की कोशिश की। सोमवार को पीडित पत्रकार कप्तान से मिला और कार्रवाई की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार राहुल गंगवार थाना भुता के फैजनगर के रहने वाले हैं। उन्होने भ्रष्ट थाना प्रभारी के काले कारनामों का ऐसा पुलंदा खोला की वह तिलमिला गए। इसके बाद उन्होंने पत्रकार को बदले की भावना से झूठे एससी-एसटी के मुकदमा में फंसा दिया। फिर एक महिला से झूठा प्रार्थना पत्र लेकर फंसा दिया।
बता दें कि राहुल जाति से कुर्मी हैं और जिला भी कुर्मी बाहुल्य है। प्रदेश की राजनीति में ओबीसी से आने वाले भाजपा के सात बार सांसद रह चुके संतोष गंगवार भी बरेली लोकसभा से आते हैं। नबावगंज विधायक एम.पी आर्य भी कुर्मी हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल कुर्मी जाति से आती हैं। थाना प्रभारी पत्रकार राहुल गंगवार पर दो झूठे मुमदमें लिखकर फंसा सकता है और जिम्मेदार नेता अपनी जाति के बल पर सत्ता में मलाई खाते रहेंगे परंतु झूठे मुकदमा में फसाने वाले पर कार्रवाई नहीं कराएंगे। ऐसे में कुर्मी जाति के वोटर भी अब विरोध का मन बना रहे हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती है जो थाना प्रभारी खुलेआम कह रहा है की तेरी पत्रकारिता खत्म कर दी अब तेरे कुर्मी आकाओं की राजनीति खत्म कर दूंगा आखिर यह नेता चुप क्यों हैं। हाल ही में थाना प्रभारी को एक खनन माफिया से बतौर रिश्वत सवा लाख का आई फोन भी लिया है। इस पूरे प्रकरण पर थाना प्रभारी से पक्ष जानने की कोशिश की गई थी वह किसी भी सवाल का संतोष जनक जबाव नहीं दे पाए।
इधर भुता क्षेत्र के कई पत्रकारों ने बताया की पुलिस आए दिन उन्हें सच लिखने के बदले में फर्जी मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी देती है। सबसे बड़ा सवाल यह है की पत्रकार ने कप्तान घुले सुशील चंद्रभान को साक्ष्य दिखाए परंतु उन्होंने प्रकरण में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं ली बल्कि कार्रवाई की रस्म पूरी करते हुए जांच लाचार यादव जाति के सीओ को सौंपकर कार्य को इतिश्री कर लिया। जिला में अब न तो पत्रकारिता बचेगी और न ही पत्रकार इसलिए जब भी पुलिस का गुडवर्क आए उसकी अपने स्तर से छानवीन करें फिर खबर लिखें। बल्कि पैसा पुलिस कमाए और फर्जी गुडवर्क लिखकर पाप पत्रकार कमाए यह कब तक चलेगा? इसी कड़ी में थाना शेरगढ़ में एक रंगबाज दरोगा चरित्रहीन महिलाओं को अपने साथ रखने लगा है जब भी पत्रकार सच लिखने की कोशिश करता है दरोगा 376 का फर्जी मुकदमा लिखकर जेल भेजने की खुली धमकी देता है। यह दरोगा रंगबाजी में इतना घुस चुका है की पत्नी को छोड़ महिला मित्र के पीछे जान देने को भी तैयार रहता है। सूत्रों के मुताबिक इस दरोगा की गोपनीय रिपोर्ट कप्तान के शिविर कार्यालय में रखी है अब कप्तान को इतनी फुर्सत नहीं है की रिर्पोट पढे और कार्रवाई करें?