अंग्रेजी शराब के लाइसेंसियों के साल्वेंसी व चरित्र प्रमाण पत्रों को फर्जी बताकर दुकानें की गयी थी सील
सुलतानपुर (वेब वार्ता)- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लाख दावों के बाद भ्रष्टाचारियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति काम करती नजर नहीं आ रही है ऐसा ही वाकया सुल्तानपुर जनपद में एक बार फिर देखने को मिला है वह भी उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग से जुड़ा बताया जा रहा है । मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया तो जिला आबकारी अधिकारी अपने अधीनस्थ आबकारी इंस्पेक्टर जयसिंहपुर महेंद्र वर्मा के कार्य में से कन्नी काटते नजर आए , बताते चलें कि बीते दिनों जनपद सुल्तानपुर के कई ग्राम सभाओं में देसी अंग्रेजी दुकानों के लाइसेंस की निविदा निकाली गई थी जिसमें जयसिंहपुर क्षेत्र के कुर्मी बिजौली का मामला आबकारी इंस्पेक्टर महेंद्र वर्मा की करतूत से आबकारी महकमे की गले की फांस बनता नजर आ रहा है । विवादों से घिरे रहने वाले आबकारी इंस्पेक्टर महेंद्र वर्मा का एक नया कारनामा सामने आया है इसके पहले भी सुल्तानपुर के जयसिंहपुर में तैनाती के दौरान महेंद्र वर्मा आबकारी निरीक्षक के द्वारा जो शराब के लाइसेंस दुकानदारों के साल्वेंसी व चरित्र प्रमाण पत्रों को फर्जी बताकर सीलिंग की प्रक्रिया की गई थी जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर राजस्व की हानि हुई और मामले में कोर्ट के दखल के बाद लाइसेंसों की दुकानें बहाल हुई । ताजा वाकया आबकारी निरीक्षक महेंद्र वर्मा के जयसिंहपुर क्षेत्र से जुड़ा बताया जा रहा है जिसमें नई देसी शराब की लाइसेंसी दुकान खोलने में जमकर खेल किया गया है ग्राम सभा कुर्मी बजौली बताकर अपने चहेते को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई जबकि सुल्तानपुर जनपद के राजस्व अभिलेखों में कुर्मी बजौली नाम से कोई ग्रामसभा ही नहीं अंकित है , कुर्मी बजौली तो जयसिंहपुर विकासखंड क्षेत्र के अठैसी ग्राम सभा का महज एक पुरवा है । कुर्मी बजौली के नई लाइसेंसी देसी शराब के दुकान को लेकर आबकारी इंस्पेक्टर महेंद्र वर्मा ने दबाव बनाने के लिए भूस्वामी पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन दबाव बनाने में विफल रहने वाले आबकारी इंस्पेक्टर महेंद्र वर्मा ने नया पैंतरा खेल दिया और भूस्वामी के लाइसेंसी बियर शॉप पर पहुंचकर सेल्समैन से सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए । विधि विरुद्ध तरीके से ग्रामसभा अंकित कर आखिरकार आबकारी इंस्पेक्टर महेंद्र वर्मा किसको लाभ पहुंचाना चाहते थे । यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन एक बात तो तय है ऐसी हरकत करने वाले आबकारी इंस्पेक्टर पर आखिरकार विभाग मेहरबान क्यों , दरअसल मामला मीडिया की सुर्खियों में है और पूरा महकमा सवालों की जद में जितना नजर आ रहा है ।