कुशीनगर, (ममता तिवारी)। यूपी के कुशीनगर जिले के चौरा खास क्षेत्र के एक गांव में रविवार की रात शादीवाले घर में बज रहे मंगल गीत मातम में बदल गए। जयमाल तक किसी को पता न था कि दुल्हन कुछ और ही तय कर चुकी है। विवाह की बाकी रस्में शुरू होने को आईं तो दुल्हन का पता न था। आखिरकार वर-वधू पक्ष की रजामंदी पर छोटी बहन ने फेरे लिए। दूसरे दिन बड़ी बहन पेड़ से बेजान झूलती मिली। छोटी की डोली विदा हुई थी कि बड़ी बेटी की अर्थी देख मां-बाप ही नहीं, गांववालों के भी कलेजे चाक हो गए।
चौरा खास के एक गांव की युवती का रिश्ता एक साल पहले ही तय हो गया था। शादी की तिथि करीब आई तो घर में गमी हो गई। इसके बाद 12 फरवरी की तिथि मुकर्रर की गई लेकिन दुल्हन के साथ शायद नियति भी कुछ और सोचे बैठे थी। रविवार की रात देवरिया जिले के मझौली राज से उसके दरवाजे पर बारात पहुंची।
बारातियों के स्वागत, जलपान-भोजन के बाद घराती-बाराती वरमाला के लिए एकत्र हुए। हंसी-ठिठोली और मंगल गीतों के बीच वर-वधू ने एक-दूसरे के गले में जयमाल डाली। इसके बाद शादी की बाकी रस्मों की घड़ी आई। इसी बीच दुल्हन ने अपनी मां से कहा कि वह टॉयलेट जा रही है। मां को भी शायद किसी अनहोनी का अंदेशा नहीं था इसलिए वह फेरों की तैयारियों में जुट गई। बेटी जब घंटों बाद भी नहीं लौटी तो मां-बाप सहम गए। दूल्हा मंडप में और दुल्हन का पता नहीं। घरवाले सबकुछ छोड़ बेटी की तलाश में जुट गए। इधर, वक्त रेत की तरह हाथ से फिसलता जा रहा था। पुलिस को भी खबर की गई मगर बेटी का पता नहीं चला। बदनामी के भय का बोझ सिर पर लिए पिता ने आखिरकार वरपक्ष को सच बताया और छोटी बेटी से विवाह का प्रस्ताव रखा। खैर, दूल्हेवाले भी इस पर राजी हो गए। सोमवार सुबह विदाई हो गई।
लाल जोड़े में पेड़ से लटकती मिली लाश
उधर, सुबह टहलने निकले लोगों ने देखा कि गांव के बाहर लाल जोड़े में लिपटी बड़ी बेटी की लाश दुपट्टे के सहारे पेड़ से लटकी हुई है। परिजनों के साथ पूरा गांव जमा हो गया। एक बेटी को विदा कर मां-बाप संभले भी नहीं थे कि दूसरी की लाश देख चीत्कार कर उठे। पूरे गांव में मातम छा गया। पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी।