कुशीनगर, (वेब वार्ता)। छुट्टा पशुओं को क्षेत्र में घूमने से रोकने के लिए सरकार के तरफ से पशु आश्रय केंद्र का निर्माण करवाया था, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण यह योजना परवान नहीं चढ़ सका। आकांक्षात्मक ब्लॉक विशुनपुरा में दो ग्राम पंचायतों में निर्माण हुए पशु आश्रय केंद्र बेमतलब साबित हो रहे हैं। निर्माण के बाद कुछ महीने तक छुट्टा पशुओं को उसमे रखा गया, लेकिन अब करीब डेढ़ वर्ष से सभी पशुओं को खड्डा ब्लॉक के कोपजंगल में भेज दिया गया और यहा लाखों रुपए की लागत से बना पशु आश्रय केंद्र बेमतलब साबित हो रहा है।
वर्ष 2020, 21 में शासन द्वारा क्षेत्र में घूम रहे छुट्टा पशुओं को रहने के लिए कई जगह पशु आश्रय केंद्र का निर्माण करवाया गया था। इसी क्रम में खजुरिया गांव में भी राज्य वित्त और मनरेगा योजना से करीब 15 लाख रुपए की लागत से पशु आश्रय केंद्र का निर्माण करवाया गया था। कुछ महीने तक तो उसमे ब्लॉक क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों से छुट्टा पशुओं को उसमे लाकर रखा जाता था। लेकिन करीब डेढ़ वर्ष पूर्व यहां से सभी पशुओं को खड्डा ब्लॉक के कोपजंगल गांव में निर्माण हुए पशु आश्रय केंद्र में भेजवा दिया गया। इस समय करीब डेढ़ वर्ष से कोई उपयोग इस भवन का नहीं है। देखरेख के आभाव में भवन अनुपयोगी साबित होता जा रहा है।
हालांकि क्षेत्र में छुट्टा पशु घूम रहे और किसानों के फसलों का काफी नुकसान कर रहे है। ऐसे ही करीब तीन लाख रुपए की लागत से कंठीछपरा गांव में भी पशु आश्रय केंद्र का निर्माण करवाया गया था। यहां भी देखरेख के आभाव में चारो तरफ झाड़ झंकार उग आए हैं। बकायदा तीन शेड और पशुओं के खाने के लिए नाद का भी निर्माण करवाया गया है। लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो सका है। लोगों का कहना है कि सरकार लाखों रुपए खर्च कर निर्माण तो करवा दी लेकिन अब इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है छुट्टा पशु होने से खेतों में भी फसलों को चर रहे हैं।