लखनऊ: उत्तर पश्चिम भारत समेत देश के कई हिस्सों में मार्च से मई के बीच सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ेगी। इस दौरान हीट वेब चलने की भी आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को पूर्वानुमान जारी किया है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों को परामर्श जारी कर गर्मी जनित बीमारियों से निपटने के लिए जरूरी तैयारियां करने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इसे लेकर राज्यों को पत्र भेजा है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन महीनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों, मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। देश के दक्षिणी हिस्से को छोड़कर पूरे देश में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसका मतलब यह हुआ कि दक्षिणी हिस्से को छोड़कर करीब-करीब पूरे देश में गर्मी सामान्य से अधिक रहेगी। चूंकि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की बात कही गई है, जिसका अर्थ है कि रातें भी ज्यादा गर्म होंगी।
भीषण लू मानव स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक खतरनाक
गर्मी के साथ-साथ उष्ण लहर यानी लू के भी तेज होने की संभावना है। तापमान जब सामान्य से चार-पांच डिग्री अधिक होता है तो उष्ण लहर पैदा होती है। पिछले कुछ सालों से लगातार इसमें वृद्धि हो रही है। इस बार भी इसके तीव्र होने की आशंका है। गर्मी के मौसम में लू के दिनों की संख्या पहले की तुलना में बढ़ रही है। इस बार भी विभाग ने कहा कि मार्च-मई के दौरान मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों में उष्ण लहर के अधिक होने की संभावना है। भीषण लू को मानव स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक खतरनाक माना जाता है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र लिखकर गर्मी से उत्पन्न होने वाली स्थितियों, बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक तैयारियां करने का आग्रह किया है।
ला नीना कमजोर
विभाग ने ला नीनो की स्थिति को लेकर भी बयान जारी किया है। विभाग के अनुसार, वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बनी हुई है। लेकिन इसके कमजोर पड़ने और मानसून पूर्व ऋतु के दौरान अल नीनो दक्षिणी दोलन की तटस्थ स्थितियों में बदलने की संभावना है। यह भविष्य में अल नीनो पैदा होने की आशंका की ओर इशारा करता है। अल नीनो भारतीय मानसून पर प्रतिकूल असर डालता है। जबकि ला नीना प्रभाव फायदेमंद होते हैं।
बारिश को लेकर भी अच्छे संकेत नहीं
मौसम विभाग ने मार्च के लिए बारिश का भी पूर्वानुमान जारी किया है। बारिश को लेकर भी अच्छे संकेत नहीं हैं। उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के अधिकतर क्षेत्रों तथा पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में मार्च में बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, दक्षिण एवं पूर्व मध्य भारत तथा पूर्व के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से ज्यादा हो सकती है। मार्च में औसत बारिश 29.9 मिमी होती है।