कुशीनगर, (ममता तिवारी)। भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली के नाते कुशीनगर की पूरी दुनिया में पहचान है। हालांकि इस नाम की लोकसभा सीट पहली बार 2008 में अस्तित्व में आई। इसके पहले इस क्षेत्र को पडरौना के नाम से जाना जाता था। सीट का नाम कुशीनगर होने के बाद 2009 में पहला चुनाव हुआ जिसमें बतौर कांग्रेसी उम्मीदवार रजतजीत प्रताप नारायण (आरपीएन सिंह) चुने गए। आरपीएन सिंह यूपीए राज में केंद्रीय मंत्री रहे। वह कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे लेकिन 2014 की मोदी लहर में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे राजेश पाण्डेय उर्फ गुड्ड ने उन्हें हरा दिया़।
बीजेपी ने 2019 में अपना उम्मीदवार बदलते हुए खड्डा से पूर्व विधायक रहे विजय दुबे को टिकट दिया और एक बार फिर ये सीट अपने खाते में कर ली। अगले साल कुशीनगर सीट पर चौथा लोकसभा चुनाव होना है जिसके लिए अभी से बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अबकी बार मुकाबला कड़ा और बेहद दिलचस्प होगा। दिलचस्प इसलिए कि जिले के दो दिग्गज नेता बदले हुए कैंपों में नज़र आएंगे। पिछली बार कांग्रेसी खेमे में रहे आरपीएन सिंह अब भाजपा में हैं तो भाजपा में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। इनके अलावा कुशीनगर के सियासी परिदृश्य में और भी कई समीकरण बदले हैं जिनका असर 2024 में देखने को मिलेगा।
कब कौन बना सांसद
2009 में आरपीएन सिंह कांग्रेस
2014 में राजेश पांडेय गुड्डू, भाजपा
2019 में विजय दुबे, भाजपा
2019 का चुनाव परिणाम
विजय कुमार दुबे (विजयी), कुल 56.69% यानि 5,97,039 वोट मिले। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी-बसपा गठबंधन में सपा के उम्मीदवार एनपी कुशवाहा थे। एनपी कुशवाहा को कुल 2,59,479 (24.64 प्रतिशत) मत प्राप्त हुए थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार आरपीएन सिंह रहे। उन्हें कुल 1,46,151 (13.88 प्रतिशत) मत प्राप्त हुए थे।
2014 का चुनाव परिणाम
2014 में बीजेपी उम्मीदवार राजेश पांडेय उर्फ गुड्डू 3,70,051 (38.93%) वोट पाकर विजयी रहे थे। कांग्रेस उम्मीदवार रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) को कुल 2,84,511 (29.93%) वोट मिले थे। जबकि बसपा से मैदान में उतरे डॉ.संगम मिश्रा को 1,32,881 (13.98%) वोट और सपा के राधेश्याम सिंह को 1,11,256 (11.71%) वोट मिले थे।
कुशीनगर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
कुशीनगर में ब्राह्मण और मौर्य-कुशवाहा मतदाताओं की बहुलता बताई जाती है। इसके साथ ही मुस्लिम, यादव और दलित अच्छी खासी तादाद में हैं।
विधानसभा सीटों पर किसका कब्जा
कुशीनगर जिले में विधानसभा की सात सीटें आती है जिसमें खड्डा, हाटा, पडरौना, रामकोला, तमकुहीराज, फाजिलनगर और कुशीनगर शामिल हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 35,64,544 लाख है जिनमें पुरुषों की संख्या 18,18,055 और महिलाओं की 17,46,489 है। वर्ष 2017 के चुनाव में जिले के सात विधानसभा सीटों में से पांच सीटें भाजपा और एक सीट उसकी सहयोगी सुभासपा की झोली में गयी थी। जबकि विपक्षी दलों में सिर्फ कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी के अजय कुमार लल्लू ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी।
2022 के विधानसभा चुनाव में खड्डा से बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के उम्मीदवार विवेकानंद पांडेय, हाटा से बीजेपी उम्मीदवार मोहन वर्मा, रामकोला सुरक्षित से बीजेपी के विनयप्रकाश गौड़, पडरौना से बीजेपी के मनीष जायसवाल उर्फ मंटू और कुशीनगर सीट से बीजेपी के ही पीएन पाठक विजयी रहे। तमकुहीराज से बीजेपी के डॉ. असीम कुमार और फाजिलनगर से बीजेपी के ही सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की है।
पडरौना (वर्तमान में कुशीनगर) संसदीय क्षेत्र से अब तक हुए सांसद
1957 काशी नाथ पांडे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 काशी नाथ पांडे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 काशी नाथ पांडे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971 गेंदा सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 राम धारी शास्त्री भारतीय लोक दल
1980 कुँवर चन्द्र प्रताप नारायण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
1984 कुँवर चन्द्र प्रताप नारायण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
1989 बालेश्वर यादव जनता दल
1991 राम नगीना मिश्रा भारतीय जनता पार्टी
1996 राम नगीना मिश्रा भारतीय जनता पार्टी
1998 राम नगीना मिश्रा भारतीय जनता पार्टी
1999 राम नगीना मिश्रा भारतीय जनता पार्टी
2004 बालेश्वर यादव राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी