कुशीनगर, (वेब वार्ता)। निराला शब्द संवाद मंच की पांचवीं गोष्ठी में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा रामबिलास शर्मा सरजना साहित्यकार पुरस्कार से सम्मानित डॉ. प्रेमचन्द्र सिंह व कबीर कोहिनूर 2023 सम्मान से सम्मानित अशोक शर्मा कवि को सम्मानित किया गया। इसके अलावा विशिष्ठ कवियों को सम्मानित किया गया। अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष ओमप्रकाश द्विवेदी ओम व संचालन महामंत्री डॉ. संजय मिश्र ने किया।
गोष्ठी का प्रारम्भ मां सरस्वती के वन्दना से हुआ। पत्रकार व कवि बेचू बीए ने आसमान के चंचल पंक्षी……… इन्द्रजीत गुप्त ने उम्र चाहे बड़ी या छोटी मिले………जगदीश खेतान ने जिनके गंजे सर होते है सुनाकर वाहवाही बटोरी। राघव शरण मिश्र यदि शराफत हो तो……….हरेन्द्र पाण्डेय ने माता व पिता के महत्व को इन पंक्तियों में व्यक्त किया……..इनके ही श्री चरणों में सारा तीर्थ चारों धाम हैं। अशोक शर्मा ने क्रूर न जानत कामिनी के रस………रूबि गुप्ता ने बेटियों को बोझ कह दे यह अच्छी बात नहीं। फिरोज अस्क ने सच तो यह हैं मैं हिन्दुस्तान हूं। डॉ. संजय मिश्र ने कॅरियर के दबाव में सपने चकनाचूर हुए। डॉ. दिव्या शुक्ला ने पति के प्रति अपनी चन्द्र लाइने यह सब कुछ मेरी तपस्या हैं पढ़ी। रामपति रसिया ने कलिकाल के मुख्य करिखा पोतनी, जितेन्द्र पाण्डेय जवहर ने केसु के फूल खिले मन में सुनाई। ओम,डॉ. रामनरेश दुबे, डॉ. प्रेमचन्द्र सिंह, डॉ. अजय कुमार शुक्ल व डॉ. दिव्या शुक्ल, संजीव, विपिन, धर्मेन्द्र आदि ने संबोधित किया।