लखनऊ, (वेब वार्ता)। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सहारनपुर की छुटमालपुर नगर पंचायत मामले में यूपी बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने सोमवार सुबह ट्वीट कर आरोप लगाया कि सरकार ईमानदार अधिकारियों को बात न मानने पर हटा रही है और उन्हें निष्क्रिय पदों पर भेज रही है।
अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा सरकार ईमानदार अधिकारियों को निष्क्रिय पदों पर भेजकर अपनी बेईमानी का सबूत दे रही है। सहारनपुर में 22 मतों से सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की जीत को दबाव के बाद भी एक सत्यनिष्ठ अधिकारी द्वारा न बदले जाने पर, उसे ही इस सरकार ने बदल दिया। सपा ईमानदारों अधिकारियों के साथ है।
भाजपा सरकार ईमानदार अधिकारियों को निष्क्रिय पदों पर भेजकर अपनी बेईमानी का सबूत दे रही है। सहारनपुर में 22 मतों से सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की जीत को दबाव के बाद भी एक सत्यनिष्ठ अधिकारी द्वारा न बदले जाने पर, उसे ही इस सरकार ने बदल दिया।
सपा ईमानदारों अधिकारियों के साथ है। https://t.co/3HiR9gtmbz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 15, 2023
दरअसल,भाजपा की नगर पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी मंजू शर्मा ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज कर उन्हें साजिश के तहत 21 मतों से हराने का आरोप लगाते हुए छुटमलपुर नगर पंचायत के लिए पड़े मतों की पुनर्मतगणना कराने की मांग की थी। पुनर्मतगणना होने तक उन्होंने समस्त संवैधानिक प्रक्रिया पर भी रोक की मांग उठाई है। मंजू शर्मा ने सहारनपुर में मतगणना के लिए भेजे गए चुनाव प्रेक्षक आशुतोष द्विवेदी को पत्र भेज कर बताया कि त्रुटिपूर्ण मतगणना का प्रतिवाद और प्रत्येक चक्र की पुनर्मतगणना करने की उनकी मांग को अनसुना किया गया। उनके तथा उनके गणना अभिकर्ताओं के किसी भी शीट पर हस्ताक्षर नहीं कराए गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि बेहट तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नगर पंचायत की आरओ न होने के बावजूद बार बार उन्हें डांटती रही और उनका पुनर्मतगणना का अनुरोध स्वीकार न करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी तहसीलदार बेहट पर दबाव बनाया गया। पत्र में उन्होंने लिखा कि उनके निरस्त किए गए 461 मतों की ही एक बार स्क्रूटनी कराने की मांग को भी अस्वीकार कर दिया गया। जबकि उनकी हार का अंतर केवल 21 मतों का था।