कुशीनगर, (ममता तिवारी)। जिला अस्पताल को कहीं और शिफ्ट करने की गरज से सात जगहों पर जिला प्रशासन ने जमीनों का स्थलीय निरीक्षण किया है। इन सात जगहों में से एक पडरौना के पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय, राजकीय महिला अस्पताल और आबकारी अधिकारी के कार्यालय में खाली पड़ी जमीन पर बुधवार को राजस्व टीम ने पैमाइश की थी। यहां दो अस्पताल और आबकारी विभाग की जमीन को मिलाकर छह एकड़ से अधिक की जमीन निकली है। सात में से सिर्फ शहर की ही जमीन की पैमाइश किए जाने के बाद अब शहरवासियों की तरफ से यहीं पर जिला अस्पताल बनाने की मांग की जा रही है।
सदर विधायक मनीष जायसवाल मंटू द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र का शासन ने संज्ञान लेकर नए जिला अस्पताल के लिए जमीन की तलाश करने का निर्देश दिया है। नए जिला अस्पताल के लिए कुल पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके लिए एसडीएम सदर महात्मा सिंह ने अपने मातहतों के साथ घोरघटिया, लक्ष्मीपुर, जंगल विशुनपुरा, भुजौली शुक्ल, ढोरही कृषि फार्म और पडरौना के पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय व राजकीय महिला अस्पताल में खाली पड़े जमीनों का स्थलीय निरीक्षण किया। एसडीएम के निरीक्षण के बाद डीएम रमेश रंजन ने भी इन जगहों पर सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया के साथ निरीक्षण किया था।
बुधवार को राजस्व निरीक्षक योगेंद्र गुप्ता ने टीम के साथ पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय, राजकीय महिला अस्पताल के जमीन की पैमाइश की। इन दोनों अस्पतालों की जमीन साढ़े चार एकड़ निकली। जबकि बगल में स्थित आबकारी अधिकारी के कार्यालय परिसर में भी पैमाइश की गई। इस जमीन को मिलाने के बाद कुल छह एकड़ से अधिक की जमीन निकली है। इस पर राजस्व निरीक्षक ने रिपोर्ट तैयार कर डीएम को भेज दी है। वहीं, पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय समेत अन्य जमीनों की हुई पैमाइश के बाद स्थानीय लोग यहीं पर जिला अस्पताल बनाने की मांग करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि पहले भी यहां से जिला अस्पताल संचालित हो चुका है। ऐसे में यह जगह नए जिला अस्पताल के लिए बेहतर है और इससे शहर के विकास को गति मिलेगी।
रेलवे स्टेशन और रोडवेज होने का मरीजों को मिलेगा फायदा
जिस जगह पर जिला अस्पताल बनाने की मांग की जा रही है, वह जगह शहर के बीचों-बीच स्थित है। रेलवे स्टेशन से पश्चिम दिशा की तरफ महज 600 मीटर की दूरी पर यह अस्पताल है। जबकि रोडवेज परिसर से भी इस अस्पताल की दूरी लगभग उतनी ही है। व्यापारी नेता मनोज मोदनवाल, विशाल मोदनवाल और सामाजिक कार्यकर्ता नीरज पाठक का कहना है कि यातायात के लिहाज से इस जगह पर जिला अस्पताल बने तो मरीजों को यहां तक पहुंचने में आसानी होगी।
धुंध पड़ी शहरवासियों की उम्मीदें फिर से जगीं
पूर्व एमएलसी केदारनाथ खेतान ने अपनी मां तोगाबाई खेतान की स्मृति में पडरौना शहर में अस्पताल के नाम जमीन दान की थी। तबसे यहां अस्पताल संचालित हो रहा है। पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय पूर्व में जनपद सृजन के बाद जिला अस्पताल की भूमिका में भी रहा। रविंद्रनगर धूस पर जब जिला अस्पताल के भवन का निर्माण हुआ तो पडरौना से इसे वहां नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया। तभी से यह अस्पताल उपेक्षित है। इधर, नए जिला अस्पताल के लिए जमीन की पैमाइश होने के बाद इस अस्पताल को लेकर धुंध पड़ी शहरवासियों की उम्मीदें फिर से जाग उठी है।