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Sunday, October 1, 2023

कुशीनगर के पडरौना शहर के मुख्य रेलवे ढाले पर मिली है आरओबी की मंजूरी

-फाटक संख्या 69 को बंद कर 68 पर फ्लाईओवर और फाटक नंबर 70 पर अंडर बनाने का भेजा गया प्रस्ताव

कुशीनगर, 30 अगस्त (ममता तिवारी)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के पडरौना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आने पर रेलवे का मुख्य ढाला बंद होने से जाम में फंसे लोगों को शीघ्र ही इस समस्या से छुटकारा मिलने वाला है। शहर के मुख्य मार्ग पर बने रेलवे ढाला (फाटक संख्या 68) पर आरओबी अर्थात रेलवे ओवरब्रिज और फाटक संख्या-70 पर अंडरपास बनाने की मंजूरी मिली है। यही नहीं फाटक संख्या 69 को बंद कर उसे फ्लाईओवर से जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके लिए रेलवे की तरफ से सर्वे का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। उच्चाधिकारियों की तरफ से आगे के कार्यों की स्वीकृति मिलने और धन अवमुक्त होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

पडरौना नगर के बीच से होकर कप्तानगंज-थावे रेलमार्ग गुजरा है। इस रेल मार्ग पर छह सवारी गाड़ियां और छपरा-गोमतीनगर एक्सप्रेस ट्रेन संचालित होती हैं। नगर में खड्डा रोड (फाटक संख्या 71), साहबगंज (फाटक संख्या 70), नौका टोला (फाटक संख्या 69,), मेन रोड (फाटक संख्या 68) और नोनियापट्टी (फाटक संख्या 67) समेत कुल पांच रेलवे ढाले हैं। इस रेल मार्ग पर किसी भी ट्रेन के आने पर ये सभी रेलवे क्रॉसिंग एक साथ बंद होती हैं। इन रेलवे ढालों के बंद होते ही शहर उत्तर और दक्षिण दो हिस्सों में बंट जाता है। कुछ ही देर में रेलवे ढाले के दोनों तरफ छोटे.बड़े वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। ट्रेन जाने के बाद ज्यों ही रेलवे फाटक खुलता हैए दोनों तरफ से आगे निकलने की होड़ में लोग अपने वाहनों को आगे बढ़ाने लगते हैं। इससे बेतरतीब हुए वाहनों की वजह से जाम लग जाता है।

लोगों को जाम से निकलने में करीब 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है। यहां लोगों को जाम से छुटकारा के लिए यातायात पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। वे भी खूब पसीना बहाते हैंए लेकिन जाम में फंसे लोग आगे निकलने की होड़ में किसी की परवाह नहीं करते हैं। शहर में आने वाले लोगों को जाम की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दुबे ने केंद्रीय रेल मंत्री से मिलकर यहां रेलवे ओवरब्रिज एवं अंडरपास बनवाने की मांग की थी। उनके प्रयास से रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत हुआ है। इसके सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है।

रेलवे ढाला बंद होने के बाद सबसे अधिक जाम नगर के साहबगंज (फाटक संख्या 70) ,नौका टोला( फाटक संख्या 69) और मेन रोड (फाटक संख्या 68) पर लगता है। नोनिया पट्टी का (फाटक संख्या 67) रेलवे ढाला बाईपास मार्ग पर है। वहां सड़क बदहाल होने से वाहन चालक उधर से गुजरना पसंद नहीं करते हैं और मुख्य सड़क से जाते हैं। इससे मुख्य सड़क पर जाम लग जाता है। शहर में जाम साहबगंज (फाटक संख्या 70,नौका टोला (फाटक संख्या 6) और मेन रोड (फाटक संख्या 68) को मुख्य रूप से प्रभावित करता है। क्योंकि इन्हीं मार्गों से होकर लोग शहर में प्रवेश करते हैं। इसलिए सांसद की पहल पर इन्हीं रेलवे ढालों पर भीड़ नियंत्रित करने की योजना है।

रेलवे के अधिकारियों की मानें तो नौका टोला स्थित फाटक संख्या 69 को बंद कर उसे फाटक संख्या 68 पर बनने वाले फ्लाईओवर से जोड़ दिया जाएगा। जबकि नगर के साहबगंज स्थित फाटक संख्या 70 पर अंडरपास बनाकर रेलवे ढाले पर होने वाले जाम से लोगों को निजात दिलाई जाएगी। यदि रेल अधिकारियों की तरफ से हुए सर्वे को स्वीकृति मिल गई तो पडरौना शहर की तस्वीर बदल जाएगी। पडरौना नगर के मुख्य मार्ग अर्थात सुभाष चौक से कोतवाली की तरफ जाने वाले मार्ग पर बनने वाले फ्लाईओवर का अधिकांश हिस्सा रेलवे की जमीन में होगा। जरूरत पड़ी तो पीडब्ल्यूडी की जमीन भी अधिग्रहीत की जाएगी। रेलवे अधिकारियों की मानें तो नगर के सुभाष चौक के आगे स्थित पेट्रोल पंप के आसपास से आरओबी को उठाकर कोतवाली गेट अथवा उसके आगे गिराया जाएगा।

इसके अलावा जलकल मोड़ से निकले कॉलेज रोड को सीधे फ्लाईओवर से जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया हैए ताकि फ्लाईओवर पर चढ़ने अथवा उतरने वाले लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। अधिकारियों की मानें तो फ्लाईओवर बनाने के लिए हुए सर्वे में नगर में आने वाले लोगों की सुविधा के अलावा इसके आसपास के दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित न होए समेत कई बिंदुओं का विशेष ख्याल रखा गया है। अधिकारियों की तरफ से हुए सर्वे की स्वीकृति मिलने के बाद नक्शा पास होगा। इसके बाद धन स्वीकृत होने पर निर्माण कार्य शुरू होगा। इन सभी कार्यों में भले ही अभी समय हैए लेकिन अभी से नगरवासियों में इसको लेकर उत्साह है।

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