ललितपुर, 13 जून (आलोक चतुर्वेदी)। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जनपद में चलती ट्रेन के अंदर मोबाइल में ब्लास्ट हो गया। जिसमें एक यात्री घायल हो गया। घायल यात्री को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मोबाइल ब्लास्ट होने से ट्रेन के अंदर हडकंप मच गया। सूचना मिलने पर ️जीआरपी, आरपीएफ समेत बम स्क्वायड टीम मौके पर पहुंच गई। यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतारकर पूरे डिब्बे की तलाशी ली गई है। करीब एक घंटे तक पूरी डिब्बे की तलाशी चलती रही। कामाख्या एक्सप्रेस के जनरल कोट में ब्लास्ट हुआ है।
जानकारी के मुताबिक कामाख्या स्टेशन से डॉक्टर अम्बेडकर नगर जाने वाली ट्रेन नंबर 19306 झांसी जंक्शन से शाम 6 बजकर 38 मिनट पर रवाना होकर ललितपुर स्टेशन की तरफ अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी…। ट्रेन जैसे ही बसई स्टेशन से ललितपुर की ओर बढ़ी तभी ट्रेन के इंजन के ठीक पीचे वाले जनरल कोच से एक तेज धमाके की आवाज सुनाई पड़ी और वहां से धुआं निकलते देखा गया। तभी किसी ने इस बात का शोर मचा दिया कि डिब्बे में बम फट गया। इस हल्ले के बाद तो वहां भगदड़ जैसे हालात बन गए।
इसी बीच कोच में धुआं भी भरने लगा। धमाके की आवाज, फिर आग और कोच में धुआं भरता देख कुछ मुसाफिर तो इस कदर घबरा गए कि कई लोग अपना सब कुछ छोड़ छाड़कर डिब्बे के गेट की तरफ भागे। उस वक्त जनरल कोच में करीब 200 के आस पास लोग मौजूद थे। कुछ यात्री तो अपनी जान बचाने की गरज से चलती ट्रेन से ही कूद पड़े। लेकिन इसी बीच किसी यात्री ने ट्रेन की जंजीर खींच कर ट्रेन रोकी और गार्ड को धमाके की इत्तेला दी। करीब 20 मिनट बाद मौके पर बसई स्टेशन की जीआरपी पुलिस पहुँच गई और जिस डिब्बे में आग लगी थी उससे मुसाफिरों को दूर करके उसे बुझाने की कोशिशें तेज कर दी। कुछ देर की मशक्कत के बाद डिब्बे में लगी आग पर काबू पा लिया गया।
इसके बाद पुलिस ने वहां तलाशी का अभियान शुरू किया। तब पुलिस को पता चला कि जनरल बोगी में सफर करने वाले राकेश नाम के एक शख्स के बैग में रखे मोबाइल की बैटरी फट गई जिससे ये हादसा हुआ। बैटरी फटने से तेज धमाके की आवाज सुनी गई और उसी धमाके के बाद डिब्बे में आग भी लग गई थी। इस हादसे में उसी बोगी में यात्रा कर रहे मुकेश और राकेश नाम के शख्स बुरी तरह झुलस गए, जिन्हें जीआरपी ने ललितपुर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। उसके बाद पूरी तरह से जांचने और परखने के बाद डेढ़ घंटे की देरी से ट्रेन को डॉक्टर अम्बेडकर नगर के लिए रवाना कर दिया गया।
ओडिशा में हुआ था भीषण ट्रेन हादसा
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में इसी महीने 2 जून को भीषण ट्रेन हादसा हो गया था। तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थी। जिसमें 288 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हो गए थे। 288 शवों में 81 शव ऐसे हैं जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। ये सभी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय संस्थान (एम्स) स्थित परिसर के कंटेनरो में लावारिश की तरह शव रखे हुए हैं। हालत ये हो गई है कि सभी शव सड़ने लग गए हैं। शवों को सुरक्षित रखने के लिए उन पर लेप लगाया जा रहा है।