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Saturday, December 9, 2023

साजिश का खुलासा: सजा से बचने के लिए साथी को मार डाला

-पुलिस ने घटना का सफल अनावरण कर तीन हत्या आरोपियों को गिरफ्तार किया

मथुरा, 01 अक्टूबर (आलोक तिवारी)। थाना रिफाइनरी क्षेत्र में एक सप्ताह पूर्व हुई हत्या और दूसरे के गोली लगने की घटना मैं सजा से बचने के लिए विरोधियों को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी इस घटना की पुलिस ने गहनता से जांच कर वास्तविक मुलजिमों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया थाना क्षेत्र के अंतर्गत 24 सितंबर को जोगेंद्र उर्फ पहाड़ी की मोटरसाइकिल से घर जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी उसके साथ ही दाऊजी के पैर में गोली मारकर घायल कर दिया था इस मामले की रिपोर्ट गांव के ही ओमप्रकाश आदि के खिलाफ दर्ज कराई गई थी।

एसएसपी ने बताया गोपाल पुत्र राम प्रसाद निवासी पीलिया सादिकपुर थाना फरह की हत्या 20 मार्च 2019 को कर दी गई थी इस मुकदमे में राजीनामा का दबाव बनाने के लिए मृतक के पुत्र और मुकदमे के बादी ओमप्रकाश पर दवाब बनाने के लिए योजना बनाकर योगेंद्र उर्फ पहाड़ी पुत्र वीरेंद्र निवासी पीलिया सादिकपुर थाना फरह की हत्या की गई और उसके साथ ही दऊजी के पैर में गोली मार कर घायल कर दिया।

घटना की रिपोर्ट ओमप्रकाश आदि के नाम दर्ज की गई पुलिस ने इस मामले में सघन जांच करने के बाद जो मामला प्रकाश में आया वह चौंकाने वाला था पुलिस ने इस मामले में गांव के ही रहने वाले दाऊजी, भीमसेनऔर विष्णु गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने पुलिस को बताया ओमप्रकाश के पिता की हत्या में हम आरोपी है जमानत पर छूटे हुए हैं उसे मुकदमे से बचने के लिए हमने अपने ही साथी जोगिंदर उर्फ पहाड़ी को गोली मारकर हत्या कर दिया और घटना का चस्मदीद गवाह बनने के लिए दाऊजी के पैर में गोली मार कर घायल कर दिया था।

पुलिस में वास्तविक हत्या के आरोपियों को एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तार कर दाऊजी और उसके छोटे भाई भीमसेन पुत्र बिरजू उर्फ बिजेंदर निवासी पीलिया सादिकपुर थाना फरह और उनके साथी विष्णु पुत्र बनवारी निवासी पीलिया सादिकपुर थाना फरह को कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजा है वही निर्दोष व्यक्ति को और उसके साथियों को जेल से झूठे मामले से बचने का के द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त का असलाह बरामद किया गया है। इस घटना का खुलासा करने में थाना प्रभारी कुलबीर सिंह उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह, अखिलेश कुमार, राजकुमार और एसओजी प्रभारी राकेश कुमार यादव की भूमिका सराहनीय रही है।

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