-किसान नेताओं का आरोप किसान दिवस में सामूहिक रूप से कहा गया अपराधी
मथुरा, 20 सितंबर (आलोक तिवारी)। किसान नेताओं ने मुख्य विकास अधिकारी पर आरोप लगाये हैं कि किसान दिवस की बैठक में सीडीओ ने उन्हें सामूहिक रूप से अपराधी कहा है। अगर सीडीओ 22 सितम्बर तक अपने कथन को वापस नहीं लेते और माफ़ी नहीं मांगते तो 23 सितम्बर को राजीव भवन पर किसानों का जमावड़ा होगा। किसान महीने में एक बार लगने वाले किसान दिवस में शामिल होने वेटरनरी कॉलेज पहुंचे थे। किसान दिवस में अधिकांश विभागों के अधिकारी नहीं पहुंचे तो किसानों ने किसान दिवस का बहिष्कार कर कर दिया और मीटिंग हाल की तालाबंदी कर धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटे तक तालाबंदी के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ मीटिंग में पहुंचे।
यहां दोनों ओर से कुछ बातें हुईं और रार बढ़ गई। भाकियू अराजनैतिक के नेता राजकुमार तोमर ने बताया कि किसान दिवस जिलाधिकारी या सीडीओ की अध्यक्षता में लगता है। बैठक में सिर्फ कृषि विभाग और उद्यान विभाग था, पशुपालन विभाग से सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। उनसे पूछा कि टीकाकरण हुआ है कि नहीं इस पर बताया कि पूरे जनपद में टीकाकरण हुआ है। इस पर 22 गांवों के किसान खडे होकर बोले कि हमारे यहां नहीं हुआ। बिजली विभाग से कोई अधिकारी नहीं था। देरी से बैठक में पहुंचे सीडीओ देख व्यक्त कर सकते थे लेकिन उन्होंने उलट किसान नेताओं को ही अपराधी कह दिया। किसान नेताओं ने इस पर गंभीर ऐतराज जताया है। किसान नेता गजेंद्र सिंह गावर, सोनवीर सिंह प्रधान, पवन चतुर्वेदी आदि ने संयुक्त रूप से कहा है कि मुख्य विकास अधिकारी ने मथुरा जनपद के किसानों को अपराधी बताया है जो किसानों का बहुत बड़ा अपमान है।
अगर 22 सितंबर तक मुख्य विकास अधिकारी ने खेद व्यक्त नहीं किया तो मथुरा कलेक्ट्रेट राजीव भवन पर अनिश्चितकालीन तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों का अपमान किसी कीमत पर शहन नहीं किया जाएगा। भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार रघुवंशी का कहना है कि अधिकारी ने किसानों से कहा आपकी आपराधिक गतिविधियां हैं। यह किसानों का अपमान किया है। जिससे नाराज होकर सभी किसान नेता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर प्रमुख रूप से उदयवीर सरपंच, प्रदीप जरेलिया, अवधेश रावत, राजवीर
नेताजी, भगवान दास निषाद, सुभाष मास्टर, साहब जावरा, छोटू, राकेश चौधरी, मुकेश प्रधान, बच्चू काका, विनोद निषाद सहित ं किसान मौजूद थे।कुछ किसान किसान दिवस में आये थे। हम थोडा मीटिंग में लेट हो गये थे। डीडी एग्रीकल्चर ने बताया कि यहां पर ये लोग बवाल कर रहे हैं। जब हम पहुंचे तो इन लोगों ने कुछ अधिकारियों को अंदर बंद कर रखा था। बाहर से कुंडी लगा दी थी। समस्याओं का जवाब देने के बाद हमारे द्वारा यह कहा गया था कि जो कृत्य आपके द्वारा किया गया है, यह अधिकारी हैं उनकी भी गरमा होती हैं। आपके द्वारा जो उनको अरेस्ट किया गया है, इसमें कार्यवाही हो सकती है। इस तरह की घटनाएं किसी को शोभा नहीं देती है। किसी को जबरदस्ती अंदर बंद करना एक क्राइम है। किसी को क्रमिलन नहीं या कुछ और नहीं कहा गया है।