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Wednesday, November 29, 2023

दिव्यांग बच्चों में अपार क्षमताएं और कौशल होता : आनंदीबेन पटेल

-राज्यपाल की अध्यक्षता में डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का 10वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न

लखनऊ, 22 सितंबर (अजय कुमार वर्मा)। प्रदेश की राज्यपाल व कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ का 10वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के अटल प्रेक्षागृह में आयोजित इस समारोह का शुभारम्भ जल भरो कार्यक्रम द्वारा कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने सभी उपाधि एवं पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों में अपार क्षमताएं और कौशल होता है। ये बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी रूचि के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए। बच्चे शिक्षा क्षेत्र में अपनी रूचि का चयन स्वयं से करें। अभिभावकों को अपने बच्चों की रूचि व कौशल क्षमता का आकलन कर उचित मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए।

बच्चे शिक्षा क्षेत्र में अपनी रूचि का चयन स्वयं करें

राज्यपाल ने शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह सामान्य विश्वविद्यालयों से अलग है। दिव्यांग विद्यार्थियों में कौशल क्षमता विकसित करना, उनके जीवन में उजाला लाना और उन्हें एक अच्छा भविष्य देना सराहनीय कार्य है। इसी क्रम में राज्यपाल ने गुजरात के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों के लिए किए गए कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने दिव्यांगजनों की भलाई हेतु कार्यरत पद्मश्री श्री कनुभाई हसमुख भाई टेलर के द्वारा सूरत में डिसेबल वेलफयेर ट्रस्ट ऑफ इण्डिया व दिव्यांगजनों हेतु विद्यालय की स्थापना को एक सराहनीय प्रयास बताया।

दिव्यांग बच्चों में अपार क्षमताएं और कौशल होता है

Dr. Shakuntala Mishra National Rehabilitation Universityउन्होंने कहा कि समाज में कई ऐसे लोग होते है जो विविध प्रकार के सामाजिक कार्यों से जुड़े होते हैं। दिव्यांगजनों के विकास के लिए कार्य किया जाना प्रशंसनीय है। पदक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल जी ने उन विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन भी किया जो पदक प्राप्त कर सके हैं। उन्होंने कुछ अंकों से पदक प्राप्त करने में चूक गए विद्यार्थियों से कहा कि सभी को पदक प्राप्त नहीं होता है लेकिन इससे निराश न हों। भविष्य में लगन, परिश्रम और लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करने से सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों को प्रगतिशील रहकर सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि डिसेबल वेलफेयर ट्रस्ट ऑफ इण्डिया के संस्थापक पद्मश्री डॉ. कनुभाई हसमुख भाई टेलर ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए शिक्षण और तालीम की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की भूमि को एक पवित्र भूमि बताते हुए कहा कि यहां दिव्यांगों की शिक्षा के लिए डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय होना एक बहुत बड़ी व्यवस्था है, जो कि विश्व की अन्यतम व्यवस्था है। उन्होंने दिव्यांगजनों हेतु राज्यपाल के मार्गदर्शन और गुजरात में हुए विशेष कार्यों की चर्चा की और उनके निर्णयों पर सम्पादित महत्वपूर्ण कार्याें की सराहना करते हुए बताया कि उनकी सहायता से ही वे दिव्यांगों के लिए गुजरात में शिक्षा व्यवस्था कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किए और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह ने कुलाध्यक्ष के समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नरेन्द्र कश्यप ने पदक/उपाधि प्राप्ति पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय एशिया महाद्वीप में अपना प्रमुख स्थान बनाने में सक्षम हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लखनऊ एवं चित्रकूट में दिव्यांगजन हेतु विश्वविद्यालय का होना गर्व की बात है। इस दिशा में राज्यपाल के मार्गदर्शन की भी उन्होंने सराहना की। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 1622 छात्र-छात्राओं को उपाधि वितरण की। उपाधि प्राप्तकर्ताओं में 832 छात्राएं एवं 790 छात्र शामिल रहे। 50 शोधार्थियों को भी समारोह में पी.एच.डी. की उपाधि से विभूषित किया गया। मेधावी विद्यार्थियों को 52 स्वर्ण पदक, 45 रजत तथा 45 कांस्य पदक प्रदान किए गए। समारोह में कुल 112 मेधावी विद्यार्थियों को 142 पदक प्रदान किए गए, जिसमें छात्रों ने 53 तथा छात्राओं ने 89 पदक हासिल किए। 08 दिव्यांग विद्यार्थियों ने 11 पदक हासिल किए।

समारोह में राज्यपाल द्वारा राजकीय स्पर्श विद्यालय की 30 दृष्टिबाधित बालिकाओं को वस्त्र, फल एवं मिष्ठान तथा 05 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी किट का वितरण किया गया। वितरित की गई प्रत्येक किट में बच्चों की पठन-पाठन सामग्री, खिलौने, बच्चों को केन्द्र पर बैठने एवं अन्य उपयोग हेतु सामग्री के साथ-साथ प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर दिव्यांग बच्चों के उपयोग हेतु ट्राई साइकिल भी प्रदान की गई। इस अवसर पर योग एवं पारंपरिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु एक बालक एवं एक बालिका को राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं कार्य योजनाओं पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया।

दीक्षांत समारोह में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव दिव्यांगजन एवं सशक्तिकरण सुभाष चन्द्र शर्मा, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के शिक्षक, अधिकारी कर्मचारी छात्र-छात्राएं तथा दृष्टिबाधित बेसिक एवं माध्यमिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राएं भी उपस्थित थीं।

आईआईएलएम एकेडमी ऑफ हायर लर्निंग का 18वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

गोमती नगर स्थित आई0आई0एल0एम0 एकेडमी ऑफ हायर लर्निंग का 18वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस अवसर पर पी0जी0डी0एम0 के स्नातक बैच को डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इसमें बैच 2021-23 के छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इसमें पीजीडीएम (कोर) 2021-2023 में रिया जायसवाल को गोल्ड, शुभम् चौरसिया को सिल्वर और हर्षित भट्ट को ब्रांज दिया गया। इसी तरह पीजीडीएम (एफएम) 2021-2023 में हितेष कुमार मौर्य को गोल्ड, नूरीन अशफाक को सिल्वर और शिवानी अग्रवाल को ब्रांज दिया गया। प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ एससीओपी पुरस्कार श्रेया गुप्ता और यश वर्मा को प्रदान किया गया, जबकि सर्वश्रेष्ठ एसआईपी पुरस्कार नूरीन अशफाक और यश वर्मा को दिया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रीय निदेशक, लखनऊ क्षेत्र, राहुल राही, ने कहा कि सभी स्नातक छात्रों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने स्नातकों को सफलता के विभिन्न मंत्र दिए, साथ ही उन्हें बातचीत, इंटर्नशिप आदि के माध्यम से अपने अल्मा मेटर में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही अन्य आमंत्रित सम्मानित अतिथि डॉ. संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर, आईआईएम, लखनऊ डॉ. सुजाता शाही, कुलपति, आईआईएलएम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम; और अजय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष, आईआईएलएम विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा उपस्थित रहे।

डॉ. शीतल शर्मा, डीन एकेडमिक्स, आईआईएलएम, लखनऊ ने व्यावसायिक शिक्षा के दो वर्षों के दौरान आईआईएलएम द्वारा प्रदान किए गए मूल्यवर्धित अनुभवों के बारे में विस्तार से बताया, जिसकी परिणति अग्रणी संगठनों में आईआईएलएम के छात्रों के लिए उत्कृष्ट प्लेसमेंट के रूप में हुई है। डॉ. शीतल शर्मा ने 2023 की कक्षा के लिए शैक्षणिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इस समारोह में कुल 61 पीजीडीएम छात्रों ने अपने स्नातक प्रमाणपत्र और पदक प्राप्त किए, जो गर्व और पुरानी यादों को उजागर कर रहे थे।

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