– कुमार मुकेश –
उपखनिजों के परिवहन हेतु ई-परिवहन प्रपत्र निर्गत करने की व्यवस्था को संशोधित कर बनाया गया और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी
सेक्योरिटी पेपर की व्यवस्था से अवैध खनन परिवहन पर लगेगा और अधिक प्रभावी अंकुश
लखनऊ(वेबवार्ता)-निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, डॉ रोशन जैकब ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी की मन्शा व उनके निर्देशों के क्रम में उप खनिजों के खनन व परिवहन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, सरल व प्रभावी बनाने के लिए खनन विभाग में खनिजों की परिवहन हेतु ई- परिवहन प्रपत्र निर्गत करने की व्यवस्था को संशोधित कर और अधिक पारदर्शी व प्रभावी तथा सरल बनाया जा रहा है। अभी तक ई-परिवह़न प्रपत्र साधारण के पेपर पर मुद्रित किए जाते रहे हैं, जिसमें किन्हीं कारणों से प्रपत्रों के दुरुपयोग की संभावना बनी रहती थी, जिसे रोकने के लिए सिक्योरिटी फीचर युक्त सिक्योरिटी पेपर की व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया गया है। डा०जैकब ने बताया कि में सेक्योरिटी पेपर मे 09 सेक्योरिटी फीचर निहित है, जिनके सम्बन्ध में जनपदीय खान अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। सेक्योरिटी पेपर की व्यवस्था को लागू किये जाने हेतु विभागीय पोर्टल माइन मित्रा के ऑनलाईन खनिज प्रबन्धन प्रणाली के ई0एम0एम0-11 मॉड्यूल पर प्राविधान किये गये है। सिक्योरिटी पेपर ए-4 साइज मे होगा, जिसमे ई-परिवहन प्रपत्र को च्वतजतंपज डवकम मे तीन प्रतियों में मुद्रण हेतु डिजाइन किया गया है। प्रथम प्रति-पट्टाधारक के उपयोग हेतु, द्वितीय स्वय प्रति-परिवहनकर्ता /उपभोक्ता/भंडारणकर्ता/कार्यदा
विशेषता यह है कि सेक्योरिटी पेपर पर निर्गत किये गये ई-परिवहन प्रपत्र की फोटोकापी किये जाने पर छायाप्रति की पहचान करना आसान होगा और फोटो कापी किये गये प्रपत्र का किसी भी दशा में दुरुपयोग कोई भी व्यक्ति नहीं कर पायेगा, जिससे अवैध खनन/परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में आसानी होगी और ई-परिवहन प्रपत्रों की डुप्लीकेसी पर पूरी तरह लगाम लगेगी, जिससे सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी और वृद्धि होगी।
अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म श्री विपिन कुमार जैन ने बताया कि सेक्योरिटी पेपर पर जनित ई-परिवहन प्रपत्रों की जांच हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में यूवी लाइट टार्च की व्यवस्था की जा रही है। सेक्योरिटी पेपर की आपूर्ति हेतु मेसर्स जेमिनी ग्राफिक्स हैदराबाद को चयनित किया गया है। प्रदेश में व्यवस्था लागू करने के लिए गुजरात, आंध्र प्रदेश एवं तेलांगना आदि राज्यों की ई-परिवहन प्रणाली का अध्ययन किया गया है तथा कानपुर देहात में पायलेट आधार पर यह प्रक्रिया लागू की गयी, जिसकी सफलता के उपरान्त इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है।