ललितपुर, 19 सितंबर (आलोक चतुर्वेदी)। पूरा मामला ललितपुर शहर के बीचो-बीच स्थित सुपरमार्केट का है, जहां पर दुकान संख्या 9 एवं 25 के बीच स्थित गैलरी को लेकर शहर के हरी बाबू शर्मा द्वारा पिछ्ले चार दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। उक्त मामले में हरी बाबू शर्मा का कहना था कि उक्त दुकान के आवंटन में धांधली की गई है, एवं अवैध रूप से पैसे लेकर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी द्वारा नियमों को ताक पर रखकर दुकान आवंटित कर दी गई है। हरी बाबू शर्मा को पिछले चार दिन में जिले के कई संगठनों एवं नगर पालिका के चयनित सदस्यों का समर्थन प्राप्त होने पर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी जो की गहरी नींद में सो रहे थे उनको जागना पड़ा और भ्रष्टाचार की पोल खोलने के भय से आनन-फानन में आज उक्त दुकान का आवंटन रद्द करते हुये दुकानदार द्वारा लगाए गए शटर एवं ताले तोड़ दिए गए। यहां पर नगर पालिका की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में नजर आती है कि यदि उक्त दुकान को नियमित प्रक्रिया के तहत आवंटित की गई थी तो फिर नगर पालिका को बैक फुट पर आने की क्या जरूरत थी और यदि नियमों को ताक पर रख कर आवंटित की गई थी तो फिर चार दिन इंतजार क्यों किया गया। हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर चर्चाओं में रहने वाला नगर पालिका ललितपुर एक बार फिर शर्मसार हुआ है अभी हाल ही में ही पार्षद मनमोहन चौबे द्वारा कूड़ा गाड़ियों में रिमोल्ड टायर डाल कर नये टायर का भुगतान करने का एवं पूर्व मे नगर पालिका द्वारा आवंटित एक संस्था को दी गई प्याऊ पर फिर से शटर लगाकर किसी व्यक्ति को किराए पर देने का आरोप लगाया गया था वहीं धरने पर बैठे हरिबाबू शर्मा का कहना है कि ऐसे अधिकारी को सीट पर रहने का कोई अधिकार नहीं है जिसके रहते हुए पूरी नगर पालिका की छवि धूमिल हो रही हो।