-6 से 8 अक्तूबर तक रहेगा साहित्यकारों का जमावड़ा
कुशीनगर, 04 अक्टूबर (ममता तिवारी)। ज्ञानपीठ सहित अनेक राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित हिन्दी के महत्वपूर्ण कवि केदारनाथ सिंह की स्मृति में प्रेमचंद साहित्य संस्थान और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के तत्वावधान में कुशीनगर जनपद में 6-8 अक्टूबर को तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। इस संगोष्ठी के कविता पाठ कार्यक्रम में देश के जाने माने लेखक व कवि भागीदारी करेंगे। यह जानकारी प्रेमचंद साहित्य संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सदानन्द शाही ने बुधवार आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि कवि केदारनाथ सिंह का कुशीनगर से बहुत गहरा रिश्ता रहा है। वे लम्बे समय तक न केवल इस जनपद में रहे हैं बल्कि उनकी कविताओं का जीवन द्रव्य भी बहुत कुछ कुशीनगर जनपद से आता है। बुद्ध और कुशीनगर जनपद उनकी कविताओं की प्रेरणा भूमि भी रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कुशीनगर जनपद के तीन प्रमुख नगरों रामकोला, पडरौना और कुशीनगर में केदारनाथ सिंह की कविताओं में जनपद और जनपदीय संस्कृति विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में हिन्दी कविता,जनपद और जनपदीय संस्कृति, केदारनाथ सिंह की कविता का जनपद,केदारनाथ सिंह की कविता का लोक, केदारनाथ सिंह की कविता में बुद्ध, केदारनाथ सिंह की कविता में कबीर आदि बिंदुओं पर विचार किया जाएगा।
प्रो शाही ने बताया कि रामकोला में शिवदुलारी देवी दलडपट शाही महिला महाविद्यालय में 6 अक्टूबर को दिन में दो बजे उद्घाटन होगा। दूसरे दिन यानी 7 अक्टूबर को केदारनाथ सिंह के अपने कालेज उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय पडरौना में प्रातः 10 बजे से संवाद सत्र आयोजित है। तीसरे दिन 8 अक्टूबर को बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर के संयोजन में राजकीय बौद्ध संग्रहालय में केदार नाथ सिंह की कविता में बुद्ध और बुद्ध की धरती पर कविता का आयोजन प्रात: दस बजे हो रहा है।
प्रो शाही ने नामवर सिंह के कथन कि केदार ने अपनी पीढ़ी को शब्द दिए हैं’ के हवाले से कहा कि शब्द कभी भी शब्द मात्र नहीं होते, शब्द के साथ होती है एक पूरी परम्परा, एक पूरी मानसिकता, जीवन के अनुभव ज्ञान, पूरी की पूरी संस्कृति और एक पूरा जीवन। केदारनाथ सिंह की कविता यह जीवन वहीं जनपदीय जीवन है जिसके गुणसूत्र कुशीनगर जनपद और समूचे भोजपुरी अंचल से जुड़े हैं।
प्रेमचंद साहित्य संस्थान के अध्यक्ष प्रो रामदेव शुक्ल के संरक्षण में हो रहे इस आयोजन में जाने माने लेखक व कवि उदय प्रकाश, कवि अष्टभुजा शुक्ल, वरिष्ठ लोचक अवधेश प्रधान, कवि स्वप्निल श्रीवास्तव, सुभाष राय, प्रकाश उदय, के सत्य नारायण, अनिल कुमार सिंह, पंकज चतुर्वेदी, राजेश कुमार मल्ल, निरंजन सहाय, मधुप कुमार, रविनन्दन, निर्मला तोदी, अरुण आदित्य, सुशीला पूरी, निशांत, आशीष मिश्र, अर्पण कुमार, अदनान कफील दरवेश, विहाग वैभव, सुश्री अनुपम सिंह, चाहत अन्वी, डॉ. वंदना शाही, डॉ. अमिता दुबे आदि कई विद्वतजन शिरकत करेंगे।