-6 लोगों को किया गिरफ्तार, 3 लाख 50 हजार कैश और दो कार बरामद
कुशीनगर, 17 सितंबर (ममता तिवारी)। कुशीनगर पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। लोगों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे धन अर्जित करने का काम करते थे। जिसके बाद पैसे लेकर फरार हो जाते थे। पुलिस ने इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से पीड़ित व्यक्तियों लिए 3 लाख 50 हजार रुपए नगद के साथ-साथ पीड़ितों के पासपोर्ट, लग्जरी चार पहिया वाहन, मोबाइल, मुहर, कम्प्यूटर, बीजा एवं ऑफर लेटर आदि बरामद किया है।
पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश किया
पुलिस ने इनकी पहचान देवरिया के बघौचघाट टोला बजरहा थाना बघौचघाट अमजद करीम, कुशीनगर के हरपुर बेलही थाना पटहेरवा निवासी असरफ व सोनू आलम उर्फ शहबाज आलम कुशीनगर जिले के तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र स्थित सोहन गांव निवासी आशिक अंसारी, पटहेरवा थाना क्षेत्र के फाजिलनगर निवासी कलामुद्दीन के साथ बिहार के गोपालगंज जिला थाना कटिया निवासी राजेश कुमार शाह के रुप में हुई है।
गिरोह के पास से बरामद हुआ सर्टिफिकेट
पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से अर्जित पीड़ितों के 03 लाख 50 हजार रुपये नगद,02 चार पहिया वाहन (महिन्द्रा बोलेरो व हुंडई वेन्यू कार) , 9 मोबाइल , 41 मोहर, 27 पासपोर्ट ओरिजनल एवं 55 फोटो कापी, 03 कम्प्यूटर, 03 प्रिन्टर, एक स्कैनर, 14 रसीद बुक, 8 रजिस्टर, बीजा 34 प्रिन्टेड, 62 मेडिकल फिटनेस कागज, 52 आफर लेटर, 100 अनुभव प्रमाण पत्र, 13 फोटो पेपर(सादर प्रिन्ट हेतु), 8 एअर टिकट, 62 रिजूम बायोडाटा, 26 नौकरी हेतु आवेदन पत्र (भरा हुआ), 8 एप्वाइंटमेंट लेटर, 02 अदद सादा गल्फ टेक्निकल इंस्टिट्यूट का सर्टिफिकेट बरामद किया गया।
विदेश भेजने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी
पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि, गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि सबसे पहले एक ऑफिस खोलते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में अपने एजेन्ट बनाते हैं। उसके बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सबको जोड़ लेते हैं। फिर विदेश में नौकरी हेतु अलग-अलग पदों के विज्ञापन ग्रुप में भेजते हैं। उस विज्ञापन के सापेक्ष एजेन्ट द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों से लोगों को विदेश में नामी गिरामी कम्पनियों में नौकरी दिलाने का विश्वास दिलाकर फार्म भरवाते हैं। अपने ऑफिस पर इंटरव्यू के लिए बुलाते हैं।
सिक्योरिटी के तौर पर उनका पासपोर्ट जमा
एजेन्ट के माध्यम से प्रति व्यक्ति 60 हजार रूपया जमा करवाते हैं। सभी व्यक्तियों को वीजा दिलाने हेतु सिक्योरिटी के तौर पर उनका पासपोर्ट जमा करवा लेते है। पुनः कुछ दिन बाद उन व्यक्तियों को अलग-अलग कम्पनियों में अलग-अलग पदों का ऑफर लेटर पर मुहर व हस्ताक्षर स्वंय के द्वारा बनाकर एजेन्ट के माध्यम से दिला देते है। इस ऑफर लेटर में अच्छी सैलरी का जिक्र किया जाता है। जिससे वह व्यक्ति एयर टिकट, मेडिकल फिटनेट व अनुभव सर्टिफिकेट जल्दी बनाने हेतु एजेन्ट के माध्यम से और पैसा जमा कर देता है।
जिस व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस व अनुभव सर्टिफिकेट का पैसा जमा हो जाता है। उसको अपने ऑफिस से अलग-अलग कम्पनियों का अनुभव सर्टिफिकेट पर मुहर व हस्ताक्षर खुद बनाकर उपलब्ध करा देते हैं। जब उस व्यक्ति द्वारा विदेश भेजने हेतु दबाव बनाया जाता है तो ओमान में रह रहे अपने भाई इम्तियाज खान के माध्यम से ओमान का विजीट/टूरिस्टर वीजा (अवधि 30 दिवस) मंगवा कर उस व्यक्ति को विदेश भेज देते हैं।
मजदूरी में कुछ दिन काम दिला दिया जाता था
विदेश में पहुंचने पर अपने भाई इम्तियाज के माध्यम से उस व्यक्ति को अनुभव सर्टिफिकेट के विपरीत मजदूरी में कुछ दिन काम दिला देते हैं। जब वीजा की अवधि पूरी हो जाती है, तो उस व्यक्ति को यह बता दिया जाता है कि अब काम नहीं है। कुछ व्यक्ति मन के अनुरूप काम न मिलने, कुछ व्यक्ति को यह पता चलने कि वह टूरिस्ट वीजा पर आये है। जिसकी अवधि केवल 30 दिन है। तथा कुछ काम न मिलने या काम समाप्त हो जाने के कारण खुद ही अपने घर वापस आने हेतु तैयार हो जाते हैं।
आने का खर्चा खुद करते हैं
वापस आने का खर्च स्वंय वहन करते हैं। इस तरह हम लोगों द्वारा पूर्व लिया गया पैसा वापस करने से बच जाते हैं। बरामदगी व गिरफ्तारी के आधार पर थाना स्थानीय पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। उपमहानिरीक्षक गोरखपुर और पुलिस अधीक्षक ने टीम की सफलता के लिए 25000- 25000 रुपये का पुरस्कार दिया है।