कुशीनगर(वेबवार्ता)- उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में तीस जनवरी रविवार को उत्तर प्रदेश के उच्च सदन ( विधान परिषद ) में स्नातक क्षेत्र से प्रतिनिधित्व के लिये प्रबुद्धजनों को मतदान केंद्रों तक जाना है, संविधान ने समाज क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वालो, अनुभवी तथा कभी-कभी दलीय सीमा से ऊपर उठकर अपने मतदाताओं एवं वृहत्तर समाज के लिए चिंतन करने वालों को प्रभावशाली प्लेटफ़ॉर्म देने के लिए दो सदनों की ज़रूरत को रेखांकित किया है तथा भावावेश से परे तर्कपूर्ण एवं तथ्यपूर्ण चर्चा एवं बहस के ज़रिए सत्ता को निर्देशित करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों के मतदाताओं को अधिकार प्रदान किया है,
उक्त विचार पूर्व विधायक मदन गोविन्द राव के हैं! उनका कहना है कि देवेन्द्र प्रताप सिंह इसके पूर्व भी विधान परिषद सदस्य रहे है तथा गरिमापूर्ण राजनीतिक आचरण तथा तर्क एवं तथ्यपरक बहस के ज़रिए विधान परिषद के स्तर को ऊँचा उठाने में महती योगदान दिया है जिसके कारण समय समय पर परिषद के अधिष्ठाता मंडल के सदस्य के तौर पर विधान परिषद का सफल संचालन का भी अवसर प्राप्त किया है
पूर्व में अनेक बार ऐसे अवसर आये है जब अपने मतदाता समूहों के हितों के लिए अपनी ही सरकार के समक्ष श्री देवेन्द्र सिंह ने आपत्ति दर्ज करायी है छात्र जीवन से जुझारू तेवर ग़लत बातों के ख़िलाफ़ मुखर आवाज़ के तौर पर उनकी पहचान रही है आज की प्रदूषित राजनीति में भी देवेन्द्र प्रताप सिंह आदर्शवादी नेता के रूप में दिखायी पड़ते हैं ,मेरे अपने ख़्याल से विधान परिषद के लिये सर्वोत्तम प्रत्याशी है
प्रबुद्ध जनो से अनुरोध करता हूँ कि सदन की गरिमा को ध्यान में रखकर श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह को अपना आशीर्वाद देते हुए संविधान की मंशा एवं राजनीतिक शुचिता को संबल प्रदान करें !