झांसी(वेबवार्ता)- भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने आज कुख्यात माफिया अतीक अहमद का पुत्र असद और उसके शूटर गुलाम का झांसी के थाना बड़ागांव क्षेत्र अंतर्गत पारीछा के जंगल में हुए एनकाउंटर के सीन को रिक्रिएशन कर जांच पड़ताल की और तथ्यों को जुटाया।

गौरतलब है कि माफिया पुत्र असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने पर अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के मामले में गंभीर सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से इस मामले में शिकायत की थी। जिसके चलते आज अमिताभ ठाकुर ने झांसी बड़ागांव थाना क्षेत्र पारीछा में उस घटना स्थल पर पहुंचे जहां 13 अप्रैल को असद और गुलाम एनकाउंटर में ढेर हुए थे। उक्त घटना स्थल पर उन्होंने लेटकर सीन रीक्रिएट किया जिस तरह घटना हुई थी। उन्होंने गहनता से निरीक्षण करते हुए तथ्यों को एकत्रित किया। उन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कोर्ट तक जाने की कही। उन्होंने डिप्टी एसपी एसटीएफ नवेंदु कुमार द्वारा झांसी में दर्ज कराए गए तीन एफआईआर और एसटीएफ द्वारा इस संबंध में जारी किए गए मौके के विभिन्न फोटोग्राफ के आधार पर 12 संदेह के बिंदु बताए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सारे बिंदु इस एनकाउंटर की सत्यता पर गंभीर सवाल उठाते हैं।

इन बिंदुओं में एसटीएफ द्वारा एफआईआर में मौके पर असद और गुलाम के जिंदा रहने के दावे, मौके पर इन दोनों के शरीर की पोजीशन, खुद घटनास्थल की स्थिति, घटनास्थल से बरामद मोटरसाइकिल की स्थिति, मृतकों द्वारा पिस्तौल के पकड़े जाने की स्थिति आदि के आधार पर रखे गए सवाल शामिल हैं।

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि राज्य या किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति को मारने का अधिकार नहीं है और किसी भी व्यक्ति की जान मात्र न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार ही ली जा सकती है। किसी व्यक्ति के दुर्दांत अपराधी होने के नाम पर उसे मारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी स्थिति पर अंकुश नहीं लगाया गया तो व्यवस्था पूरी तरह अराजक हो जाएगी।