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Wednesday, October 4, 2023

जिला संयुक्त चिकित्सालय का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण

कुशीनगर, 10 सितंबर (ममता तिवारी)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नवागत जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा जिला संयुक्त चिकित्सालय संबद्ध स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस क्रम में ओपीडी कक्ष का निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित मरीजों से संवाद कर उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं के बारे में जाना। तत्पश्चात जिलाधिकारी ने पोषण पुनर्वास केंद्र, एक्स-रे कक्ष, अल्ट्रासाउंड कक्ष, रेडियोलॉजिस्ट कक्ष, टेक्नीशियन कक्ष, महिला वार्ड/पुरुष वार्ड, औषधि वितरण कक्ष, आपातकालीन वार्ड, प्लास्टर कक्ष, दवा स्टोर रुम, बायोमेट्रिक, पीकू वार्ड, विशिष्ट ऑपरेशन वार्ड, समेत अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया।

इस दौरान महिला जनरल वार्ड में साफ सफाई चल रही थी, पुरुष वार्ड में मरीजों से दवा और डॉक्टरों के द्वारा रेगुलर चेक अप के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि भोजन और दवा समय से मिलता है तथा चिकित्सक 9:00 बजे आते हैं। एन.आर.सी. सेंटर में बच्चे भर्ती पाए गए, जिसकी संख्या एवं उनके ट्रीटमेंट के व्यवस्थाओं के बारे में जाना। उपस्थित चिकित्सक द्वारा बच्चो की कराई जाने वाली जांच रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया गया। विशिष्ट ऑपरेशन वार्ड में, एक्स रे कक्ष व आपातकालीन कक्ष में चिकित्सक व स्टाफ मौजूद पाए गए। आपातकालीन औषधि भंडार कक्ष का निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने दवाओं की उपलब्धता के बारे में जाना। एनआरसी वार्ड/पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण कर उपस्थित महिलाओं को भोजन, दवाओं और 50 रुपए प्रति बच्चे मिलने वाली धनराशि के बारे में बताया।

इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा मरीजों के लिए उपलब्ध बेड की व्यवस्था, वार्डों के फर्श की सफाई, शौचालय की व्यवस्था एवं अन्य कमरों की साफ-सफाई की व्यवस्था भी देखी गई, जिसके क्रम में सीढ़ियों एवं बाह्य रेलिंग की साफ सफाई एवं परिसर में इकट्ठा हुए पानी को तत्काल हटाने, तथा एंटी लार्वा का छिड़काव कराने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। निरीक्षण दौरान जिलाधिकारी द्वारा पैरामेडिकल स्टाफ, एम सी एच विंग, पीकू/एसएनसीयू के चिकित्सक, आउटसोर्सिंग स्टॉफ़ की ड्यूटी शिफ्ट वार लगाने एवं अन्य चिकित्सकों को समय से उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया।

इस दौरान जिलाधिकारी ने बारी बारी से वार्डों में भर्ती मरीज व मरीज के परिजनों से भी बातचीत की तथा अस्पताल से मिल रही चिकित्सीय सुविधाओं के बारे में भी उनसे जाना। मानसिक रोग से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाने हेतु निर्देश दिया। महिला जनरल वार्डों में ज्यादा मरीजों को देखते हुए तत्काल, महिला मरीजों के लिए अलग से व्यस्थता करने, बेड की संख्या, नर्स की संख्या बढ़ाने और डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया के मरीजों को विशेष देखभाल करते हुए डेंगू के मरीजों को आइसोलेट रखने हेतु निर्देशित किया।

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