कुशीनगर, 16 सितंबर (ममता तिवारी)। साइबर सेल और सेवरही थाने की पुलिस ने साइबर ठगों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। कोलकाता सहित कई बड़े शहरों के साइबर ठगों से ताल्लुक रखने वाले तीन बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं। ये लोग 1.20 करोड़ रुपये की ऑनलाइन हेराफेरी कर चुके हैं। इनके पास से 51 हजार रुपये, बड़ी संख्या में फर्जी सिम-आधारकार्ड, बिना नाम की पासबुक और इस कृत्य में प्रयुक्त की जाने वाली बिना नंबर की बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजवा दिया।
एसपी धवल जायसवाल ने शनिवार को पुलिस कार्यालय सभागार में अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया। एसपी ने बताया कि ये बदमाश ऑनलाइन ठगी कर लोगों के रुपये उड़ा देते थे। साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार पंत और सेवरही के प्रभारी निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह एवं उनकी टीम इसअपराध में शामिल अपराधियों की तलाश में लगी थी। शनिवार को सेवरही कस्बे के बिन टोलिया के पास तीन संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़कर उनसे पूछताछ की गई तो ये साइबर ठग निकले। इनका नाम बुलेट कुमार चौरसिया निवासी पाखोपाली थाना उचकागांव, जिला गोपागलंज (बिहार), अमित चौरसिया और करन जायसवाल निवासी सब्जी मंडी, तमकुहीरोड, थाना सेवरही, कुशीनगर बताया गया।
इनके पास से भोले-भाले व्यक्तियों के खातों का प्रयोग कर गायब किए गए 51,000 रुपये, 64 फर्जी सिमकार्ड (भिन्न-भिन्न टेलीकाॅम कंपनियों के), 20 आधार कार्ड, 11 पासबुक (भिन्न भिन्न बैंकों के सादे), घटना में प्रयुक्त पांच मोबाइल फोन, आठ फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर किए गए लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपये का विवरण सहित तथा अपराध में प्रयुक्त चोरी की बिना नंबर की बाइक बरामदगी की गई है। बरामदगी और गिरफ्तारी के आधार पर इनके खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि अंतरराज्यीय साइबर ठग गैंग के सदस्य जगह-जगह स्थित सीएससी सेंटर से संपर्क करते हैं। उनसे मिलकर गांव के भोले-भाले गरीब लोगों को खाता खुलवाने के लिए पैसों का लालच देते हैं। उनके आधार व उनके फिंगर के इस्तेमाल से नए सिम निर्गत करते हुए इकट्ठा करते हैं। उसके बाद उनके नाम से अकाउंट खुलवाकर खाते में बिना उनकी जानकारी के फर्जी सिम से अकाउंट लिंक करवा देते हैं। फिर उसी सिम नंबर से उन खातों में बिना उनकी जानकारी के ऑनलाइन (अधिक से अधिक धनराशि) फर्जी पैसों का लेन-देन करते हैं। उन भोले-भाले व्यक्तियों के खातों से संबंधित पासबुक, चेकबुक व एटीएम कार्ड प्राप्त कर लेते हैं।
उसका उन लोगों को पता नहीं लग पाता है। इसके बाद इन अंतरराज्यीय साइबर ठगों की ओर से ऑनलाइन हैकरों को वही अकाउंट 14,000 रुपये में बेचकर उसमें भिन्न-भिन्न प्रदेशों और जनपदों से साइबर फ्रॉड किए गए रुपयों को मंगाते हैं। फिर साइबर ठग उस रकम को निकाल लेते हैं। एसपी ने बताया कि अब तक कुल आठ खातों में प्रथम दृष्टया एक करोड़ 20 लाख का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन प्राप्त हुआ है। इन साइबर अंतरराज्यीय गैंग के अन्य सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगा दी गई हैं।